नई दिल्ली। चीन अपनी विस्तारवादी नीति के तहत पड़ोसियों की भूमि पर कब्जे करना, उनकी संप्रभुता को चोट पहुंचाने की लगातार कोशिश करता रहता है। भारत के अरुणाचल प्रदेश समेत पड़ोस के कई क्षेत्रों को चीन अपना बताता है। इसका भारत कड़ा विरोध करता रहा है। हाल ही में चीन ने आधिकारिक रूप से “मानक मानचित्र” का 2023 संस्करण जारी कर उसमें भारत के अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चीन के हिस्से को अपना क्षेत्र बताया था। चीन अरुणाचल प्रदेश दक्षिण तिब्बत होने का दावा करता है। नए नक्शे में ताइवान और विवादित दक्षिण चीन सागर को भी चीनी क्षेत्र में शामिल किया गया है। मानचित्र में नाइन-डैश लाइन पर भी चीन ने अपना दावा किया है। दक्षिण चीन सागर क्षेत्रों पर वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया और ब्रुनेई भी अपना दावा करते हैं।
वियतनाम, फिलीपिंस और मलेशिया ने कठोर शब्दों में की निंदा
इधर, चीन के दबंग रवैये के खिलाफ वियतनाम भी खुलकर सामने आया है। वियतनाम सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि चीन उनके समुद्री क्षेत्र को अपना बताने का प्रयास कर रहा है। यह उनकी संप्रभुता के खिलाफ है। फिलीपींस और मलेशिया ने भी चीन को कड़े शब्दों में चेतावनी दी है। जयशंकर ने कहा, चीन ने पहले भी ऐसे नक्शे जारी किए हैं जो उन क्षेत्रों पर दावा करते हैं जो चीन के नहीं हैं, जो अन्य देशों के हैं। ये उनकी पुरानी आदत है। यह कोई नई बात नहीं है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, हमने आज चीन के तथाकथित 2023 ‘मानक मानचित्र’ पर चीनी पक्ष के साथ राजनयिक चैनलों के माध्यम से कड़ा विरोध दर्ज कराया है जो भारत के क्षेत्र पर दावा करता है। उन्होंने कहा, हम इन दावों को खारिज करते हैं क्योंकि इनका कोई आधार नहीं है।