सभी शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वानों को कार्यदिवस की बजाय मासिक वेतन दिया जाएगा और वह 50 हजार रुपये तक होगा।२.शासकीय सेवकों के समान अवकाश की सुविधा भी मिलेगी।
अकादमिक सत्र में अपने महाविद्यालय के स्थान पर आप जो चाहेंगे आपके आसपास महाविद्यालय में स्थानांतरण की सुविधा भी दी जाएगी।
फालेन आउट अतिथि विद्वानों को भी फिर से रिक्त पदों पर आमंत्रित देंगे।
अतिथि विद्वानों और व्याख्याताओं के लिए 25% पद आरक्षित किये जायेंगे।
अतिथि विद्वान और व्याख्याता जो लगातार पढ़ाने का काम कर रहे हैं, उनको बाहर नहीं किया जाएगा।
सभी शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वान को कार्यदिवस की बजाय मासिक वेतन दिया जाएगा और वह ₹50 हजार तक होगा।
आईटीआई वाले अतिथि व्याख्याताओं के लिए भी यह व्यवस्था लागू होगी।
अतिथि प्रवक्ताओं का मानदेय भी ₹20 हजार किया जाएगा।
अतिथि विद्वानों को शासकीय सेवकों के समान अवकाश की सुविधा मिलेगी।
एक अकादमिक सत्र में अपने महाविद्यालय के स्थान पर अतिथि विद्वानों को उनके आसपास महाविद्यालय में स्थानांतरण की सुविधा भी दी जाएगी।
अतिथि विद्वान व्याख्याताओं के लिए पीएससी की परीक्षा में संशोधित कर 25 प्रतिशत पद आरक्षित किए जाएंगे।
अभी अतिथि विद्वानों को प्रतिवर्ष 4 और अधिकतम 20 अतिरिक्त अंक दिए जाते हैं। इसको बढ़ाकर अधिकतम
10 प्रतिशत तक अंक दिए जाएं, इसकी व्यवस्था की जाएगी।
अब कोई भी अतिथि विद्वान, व्याख्याता जो लगातार पढ़ाने का कार्य कर रहा है उसको बाहर नहीं किया जाएगा।
हम यह व्यवस्था बनाएंगे कि फॉलेन आउट की नौबत न आए। फालेन आउट अतिथि विद्वानों को भी फिर से रिक्त पदों पर आमंत्रित करेंगे।