The game of betting is going on at a rapid pace, the action against Khaiwal is failing.
- जिम्मेदार कि कार्यवाही हुई सुस्त,अवैध कारोबारी दिख रहे चुस्त।
लालबर्रा । कभी चोरी-छिपे चलने वाला सट्टा बाजार आजकल कानून की ढीली पकड़ की वजह से खाईवाल के संरक्षण में खुलेआम संचालित हो रहा है। ओपन, क्लोज और रनिंग के नाम से चर्चित इस खेल में जिस प्रकार सब कुछ ओपन हो रहा है उससे यही प्रतीत होता है कि प्रमुख खाईवाल को कानून का कोई खौफ नहीं है।
लालबर्रा क्षेत्र में इस खेल के बढ़ते कारोबार का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि बच्चे से लेकर बूढ़े भी दिन-रात अंकों के जाल में उलझे रहते हैं। प्रमुख खाईवाल के एजेंट जो पट्टी काटते हैं प्राय: हर गांव में पट्टी काटते नजर आते हैं। खाईवाल के एजेंट पट्टी काटकर एवं मोबाइल के माध्यम से भी इस अवैध कारोबार को संचालित कर लोगों की गाढ़ी कमाई पर डाका डाल रहे हैं जिसकी जानकारी शायद पुलिस को छोड़कर सभी को है।
क्षेत्र में जुआ सट्टा का कारोबार जोरों पर जिम्मेदार मौन…
लालबर्रा मुख्यालय सहित आसपास गांव में सट्टे का गोरखधंधा जोरों पर चल रहा है इसके जरिए हर दिन लाखों के बारे न्यारे किए जा रहे हैं इनदिनों मोबाइल फोन सटोरियों के लिए वरदान साबित हो रहा है क्षेत्र में जगह-जगह सटोरियों ने अपने ठिकाने बनाएं हुए हैं यहां बेखौफ सट्टे पर दांव पेच लगाए जा रहे हैं इसमें सवाल भी उठता है क्या खाकीधारी इन सब से अनजान है या फिर इन धंधेबाजो व संरक्षण दाताओं से वाकिफ होने के बावजूद पुलिस मूकदर्शक बनी बैठी है इसका जवाब चाहे जो भी हो किंतु वास्तविकता यह है की पुलिस की नाकामी की बदौलत सट्टे का धंधा दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की कर रहा है आलम यह है कि मुख्य सट्टेबाज ने ग्राम स्तर पर अपने कमीशन एजेंट बना रखे हैं क्षेत्र में लगभग हरगांव तक ऐसे एजेंट सक्रिय है जो विभिन्न स्थानों पर लोगों को प्रलोभन देखकर सट्टा खेलने को प्रेरित करते हैं क्षेत्र में इन एजेंटों के माध्यम से सट्टा खेलने वालों के नंबर पर्ची व रकम मुख्य सटोरिया तक पहुंचती है क्षेत्र में हर दिन लाखों रुपए का सट्टा खेला जा रहा है
सेटिंग का खेल…
सट्टा धंधे पर अंकुश ना लग पाने की वजह सटोरियों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है बताया जाता है कि मुख्य सट्टेबाज की ऊपर तक सीधी पहुंच है नतीजा सेटिंग के खेल से मुख्य सट्टेबाज पर कार्रवाई की आंच नहीं आने दी जाती वहीं पुलिस के आला अफसर भी इस पर कार्यवाही करने से पूर्व शिकायत का इंतजार कर रहे हैं जो शिकायत न होने का हवाला देते हुए कार्रवाई से अपना पल्ला झाड़ रहे हैं
चायदुकान की आड़ में बिक रहा अवैध गांजा…
मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्र में इन दिनों पानठेला व चायदुकान की आड़ में बेखौफ होकर भारी मात्रा में गांजा कारोबार संचालित हो रहा है यह सब देखकर ऐसा प्रतीत होता है की चाय दुकान व पानठेलो के संचालक को मानो गांजा बेचने का लाइसेंस दे दिया गया हो, जिससे वे बेखौफ होकर अपनी चाय दुकान व पानठेलो में गांजा परोस रहें है ! अधिकांश चाय दुकानों में गर्म चाय से अधिक बिक रही ठंडी चाय, यदि समय – समय पर पुलिस द्वारा क्षेत्रभर में संचालित चाय दुकान, पानठेले , किराना दुकान, सैलून व ढाबो में दबिश दी जाए तो इन अवैध कारोबार पर अंकुश लग सकता है !
गरीब हो रहे कंगाल
इस धंधे में संलिप्त लोग जो किसी वक्त रोजी रोटी से मोहताज थे आज इस धंधे की बदौलत धन्ना सेठ बन गए हैं इसके विपरीत खासकर दिन भर खून पसीना बहा कर मेहनत मजदूरी कर बमुश्किल 2 दिन की रोटी कमाने वाले श्रमिक इन सटोरियों के नियमित ग्राहक हैं यह गरीब सीधे अमीर बनने के चक्कर में फंस रहे हैं लेकिन इन गरीब को अमीर बनाने की चाहत तो पूर्ण नहीं हो रही परंतु सट्टेबाज अवश्य अपनी तिजोरी भर रहे हैं जानकारी मुताबिक सट्टा खेलने वाला व्यक्ति 1 से 100 तक अंको में नंबर चेक कर उस पर रकम खर्च करता है यदि चयन किया गया नंबर फिट बैठ जाता है तो सट्टे पर लगाई रकम का 80 गुना पैसा मिलता है लालबर्रा और आसपास क्षेत्र के ग्रामीण अंचल कंजई , जाम , खमरिया, धरपीवाड़ा, मोहगांव ध., निलजी, बकोड़ा, मिरेगांव, नेवरगाव, बिरसोला, खारी, बम्हनी, बाघोली, कनकी आदि जगह खाईवाल द्वारा अपने कमीशन एजेंट के जरिए जमकर सट्टा खिलाया जा रहा है।