कुवैत अग्निकांड में गई 40 भारतीयों की जान? 10 प्वाइंट में जानें कब-क्या हुआ, विदेश राज्य मंत्री कुवैत रवाना

 कुवैत

कुवैत की एक इमारत में बुधवार तड़के लगी भीषण आग में 50 से ज्यादा लोगों के मरने की खबर हैं. इनमें बड़ी संख्या भारतीयों की हैं. बताया जा रहा है कि मृतकों में 40 से अधिक भारत के नागरिक हैं.

इस अग्निकांड को लेकर कुवैत से लेकर भारत में सनसनी मची हुई है. कुवैत सरकार ने इस घटना में लापरवाही को जिम्मेदार ठहाराते हुए बिल्डिंग मालिक और अन्य लोगों की गिरफ्तारी के आदेश दिए हैं. सरकार ने इस आग को लालच का नतीजा बताया है.

पीएम मोदी ने की अहम बैठक, मुआजवे का एलान
प्रधानमंत्री मोदी ने इस घटना को ‘दुखद’ बताया। उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश सचिव विनय क्वात्रा, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में इस घटना के बाद स्थिति की समीक्षा की। पीएम मोदी ने इस ‘दुर्भाग्यपूर्ण घटना’ पर गहरा दुख जताया। उन्होंने मृतक भारतीय नागरिकों के परिवारों के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष से दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि भी घोषित की।

कुवैत अग्निकांड में DNA जांच के बाद चार और भारतीयों की शिनाख्त हुई है. ये चारों केरल के रहने वाले थे.

1) कुवैत अग्निकांड में केरल के पथानामथिट्टा जिले के रहने वाले आकाश एस नायर की भी मौत हुई है. 32 साल का आकाश कुवैत में बीते आठ साल से काम कर रहा था.

2) पथानामथिट्टा के ही 65 साल के चेन्नासेरिल साजू की भी इस अग्निकांड में मौत हुई है. वह 22 सालों से कुवैत में काम कर रहे थे.

3) केरल के इसी इलाके से 23 साल के एक और शख्स आकाश की भी मौत हुई है.

4) केरल के Changanassery में श्रीहरि प्रदीप की भी मौत हो गई है. वह मैकेनिकल इंजीनियर थे. उनके पिता प्रदीप भी कुवैत में काम कर रहे हैं. 

विदेश मंत्री ने की कुवैती समकक्ष से बात, की यह अपील
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने फोन पर अपने कुवैती समकक्ष अब्दुल्ला अली अल-याह्या से बातचीत की। उन्होंने यह सुनिश्चित करने की अपील की कि आग लगने के कारण जान गंवाने वाले भारतीयों के शव शीघ्र भारत भेजे जाएं। जयशंकर ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया,  'कुवैत में आग लगने की घटना पर कुवैती विदेश मंत्री अब्दुल्ला अली अल-याह्या से बातचीत की। इस संबंध में कुवैती अधिकारियों द्वारा किए गए प्रयासों के बारे में बताया गया। हमें आश्वासन दिया गया कि इस घटना की पूरी जांच की जाएगी और जिम्मेदारी तय की जाएगी।'

हताहत हुए भारतीयों में ज्यादातर केरल के
मामले से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि हताहत हुए भारतीयों में ज्यादातर केरल के हैं। ज्यादातर लोगों की मौत धुएं से दम घुटने की वजह से हुई। हादसे वक्त वे सभी सो रहे थे। हालांकि, कई लोगों को बचा भी लिया गया। उन्होंने बताया कि आग कुवैत के दक्षिणी अहमदी गवर्नेट के मंगफ क्षेत्र में छह मंजिला इमारत की रसोई में लगी। इमारत में एक ही कंपनी के 195 मजदूर रहते थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मृतकों में अधिकतर केरल, तमिलनाडु और उत्तर भारतीय राज्यों के भारतीय नागरिक शामिल हैं, जिनकी उम्र 20 से 50 साल के बीच थी। संबंधित इमारत को एनबीटीसी समूह ने किराए पर ले रखा था।

आग की घटना की जांच के आदेश दिए
कुवैत के गृह मंत्री शेख फहद अल-यूसुफ अल सबाह ने आग की घटना की जांच के आदेश दिए और अल-मंगफ इमारत के मालिक तथा चौकीदार को पकड़ने के निर्देश जारी किए। वहीं, कुवैत के अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबाह ने भी अधिकारियों को भीषण आग की जांच करने का आदेश दिया और त्रासदी के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा देने के लिए प्रतिबद्धता जताई। देश के युवराज शेख सबाह खालिद अल-हमद अल-सबाह और प्रधानमंत्री शेख अहमद अब्दुल्ला अल-अहमद अल-सबाह ने लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।

अचानक कैसे लगी आग?

दक्षिणी कुवैत के मंगाफ में NBTC ग्रुप ने इस बिल्डिंग को किराए पर लिया था. कंपनी ने अपने यहां काम करने वाले मजदूरों का इस बिल्डिंग में रहने का इंतजाम किया था. इस बिल्डिंग में कुल 196 लोग रह रहे थे, जो कि क्षमता से बहुत अधिक था. कई रिपोर्ट्स में बताया गया है कि इन मजदूरों को ठूंस-ठूंसकर इस बिल्डिंग में रहने को मजबूर किया जा रहा था.

नाइट शिफ्ट करके आए मजदूर सो रहे थे

ये आग बुधवार तड़के चार बजे के आसपास लगी. छह मंजिला इस इमारत के किचन में आग लगी, जो पूरी बिल्डिंग में फैल गई. यहां रहने वाले अधिकतर मजदूर नाइट शिफ्ट करके लौटे थे और सो रहे थे. आग लगने की वजह से कई लोगों को संभलने तक का मौका नहीं मिला. तंग जगह होने की वजह से कई लोगों को भागने तक का मौका नहीं मिला. वहीं, कुछ लोगों ने जान बचाने के लिए अपनी-अपनी मंजिलों से छलांग भी लगाई.

गृहमंत्री का कहना है कि अधिकतर मौतें दम घुटने की वजह से हुई हैं. वहीं, कुवैत के अमीर मिशाल अल अहमद अल जबेर अल सबाह ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं.

इस अग्निकांड में एक बड़ी लापरवाही ये भी सामने आई है कि पूरी बिल्डिंग में एंट्री गेट एक ही था. इमारत की छत पूरी तरह से बंद थी, जिस वजह से छत के रास्ते भी मजदूर खुद को बचाने में असफल रहे.

कुवैत सरकार ने उठाए सवाल?

इस अग्निकांड के बाद कुवैत सरकार पूरी तरह से एक्शन मोड में आ गई है. आग लगने की घटना के बाद कुवैत के गृहमंत्री शेख फहद अल यूसुफ अल सबह घटनास्थल पर पहंचे और बिल्डिंग मालिक की गिरफ्तारी का आदेश दिया.

उन्होंने कहा कि इस मामले में आवासीय कानून (Law of House) का उल्लंघन हुआ है. नियमों का उल्लंघन करके विदेशी मजदूरों को अत्यधिक असुरक्षित स्थितियों में रहने को मजबूर किया जा रहा था ताकि कंपनी मालिक खर्चों में कटौती कर सकें.

बिल्डिंग का मालिक है मलयाली

कुवैत की जिस इमारत में आग लगी है. वह मलयाली कारोबारी केजी अब्राहम नाम के शख्स की है. केजी अब्राहम केरल के तिरुवल्ला के बिजनेसमैन हैं, जिनकी कंपनी 1977 से कुवैत की ऑयल एंड इंटस्ट्रीज का हिस्सा है. मारे गए मजदूर इसी कंपनी में काम करते थे.

विदेशी कामगारों पर निर्भर है कुवैत की अर्थव्यवस्था

कुवैत की अर्थव्यवस्था बड़े पैमाने पर विदेशी कामगारों पर निर्भर हैं, जो बड़ी संख्या में कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री में काम करते हैं. कुवैत में बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं. आंकड़ों के मुताबिक, लगभग 10 लाख भारतीय इस समय कुवैत में रह रहे हैं. इनमें एक बड़ी संख्या मजदूरों, इंजीनियर्स, डॉक्टर्स, चार्टर्ड अकाउंटेंट, सॉफ्टवेयर एक्सपर्ट और टेक्नीशियन हैं.

इसे कुवैत के इतिहास की सबसे भीषण आग बताया जा रहा है. इससे पहले 2009 में कुवैत में एक महिला ने प्रतिशोध के इरादे से एक शादी समारोह में आग लगा दी थी, जिसमें 57 लोगों की मौत हो गई थी.

 

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