कांग्रेस ने कहा- एनटीए की सत्यनिष्ठा और नीट परीक्षा को आयोजित करने के तौर तरीके ‘‘गंभीर सवालों’’ के घेरे में

नई दिल्ली
कांग्रेस ने रविवार को कहा कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) की सत्यनिष्ठा और राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) को आयोजित करने के तौर तरीके ‘‘गंभीर सवालों’’ के घेरे में हैं। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं 2014 और 2019 के बीच संसद की स्वास्थ्य और परिवार कल्याण संबंधी स्थायी समिति का सदस्य था। मैं उस समय नीट के लिए मिलने वाले व्यापक समर्थन को याद करता हूं। लेकिन ऐसे सांसद भी थे, विशेष रूप से तमिलनाडु से जिन्होंने चिंता जताई थी कि नीट से सीबीएसई के छात्रों को लाभ मिलेगा और दूसरे बोर्ड एवं स्कूलों से आने वाले विद्यार्थियों को नुकसान पहुंचेगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अब लगता है कि इस सीबीएसई संबंधी मुद्दे पर उचित विश्लेषण की जरूरत है। क्या नीट भेदभावपूर्ण है? क्या गरीब तबके के विद्यार्थियों को अवसरों से वंचित किया जा रहा है? महाराष्ट्र जैसे अन्य राज्यों ने भी नीट को लेकर गंभीर संदेह व्यक्त किया है।’’

रमेश ने कहा कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी की सत्यनिष्ठा और नीट को जिस तरह से डिजाइन और आयोजित किया जाता है उसके तरीकों पर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। कांग्रेस महासचिव ने दावा किया कि पिछले दशक में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने अपना पेशेवर रवैया स्वयं खत्म कर दिया है।उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीद है कि नई स्थायी समितियां गठित होने पर नीट, एनटीए और एनसीईआरटी की गहन समीक्षा करेगी। इसे सर्वोच्च प्राथमिकता मिलनी चाहिए।’’ नीट परीक्षा पांच मई को 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी और इसमें करीब 24 लाख अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था। परिणाम 14 जून को घोषित होने की उम्मीद थी, लेकिन उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन पहले ही पूरा हो जाने के कारण परिणाम चार जून को घोषित कर दिए गए।

बिहार में प्रश्नपत्र लीक होने तथा इस प्रतिष्ठित परीक्षा में अन्य अनियमितताओं के आरोप लगे हैं। केंद्र और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी ने बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि उन्होंने एमबीबीएस और ऐसे अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए परीक्षा देने वाले 1,563 उम्मीदवारों को दिए गए कृपांक रद्द कर दिए हैं।

इस संबंध में केंद्र ने कहा है कि उनके पास या तो दोबारा परीक्षा देने या समय की हानि के लिए दिए गए कृपांक को छोड़ने का विकल्प होगा। कांग्रेस ने शुक्रवार को इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘‘चुप्पी’’ को लेकर सवाल उठाया था और कहा था कि केवल उच्चतम न्यायालय की निगरानी वाली जांच ही लाखों युवा छात्रों के भविष्य की रक्षा कर सकती है।

 

admin

Related Posts

सदस्यता अभियान : प्रदेश भाजपा द्वारा चलाया गया ‘आई एम बीजेपी फ्यूचर फोर्स’ कार्यक्रम अब पूरे देश में चलेगा, नड्डा ने की सराहना

भोपाल मध्य प्रदेश भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को साकार करने के उद्देश्य से 'आई एम बीजेपी फ्यूचर' नामक अनूठे सदस्यता अभियान का आयोजन किया। इस अभियान की…

’वक्त आ गया है, 16 बच्चे पैदा करें…’, आखिर तामिलनाडू के मुख्यमंत्री स्टालिन ने क्यों दी ये सलाह?

चेन्नई आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने हाल ही में महिलाओं से राज्य में जनसंख्या स्थिर करने के लिए अधिक बच्चे पैदा करने के लिए कहा था। इसके…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

धर्म

23 अक्टूबर बुधवार को इन राशियों में दिखेगा लाभ

23 अक्टूबर बुधवार को इन राशियों में दिखेगा लाभ

अहोई अष्टमी व्रत, बच्चों की दीर्घायु, सुख और समृद्धि के लिए रखने वाला व्रत

अहोई अष्टमी व्रत, बच्चों की दीर्घायु, सुख और समृद्धि के लिए रखने वाला व्रत

22 अक्टूबर मंगलवार को इन राशियों में दिखेगा लाभ

22 अक्टूबर मंगलवार को इन राशियों में दिखेगा लाभ

भगवान शिव की पूजा सोमवार को ही क्यों

भगवान शिव की पूजा सोमवार को ही क्यों

धनतेरस पर100 साल बाद बनेगा दुर्लभ सयोंग, इन राशियों को आकस्मिक धनलाभ और भाग्योदय के प्रबल योग

धनतेरस पर100 साल बाद बनेगा दुर्लभ सयोंग, इन राशियों को आकस्मिक धनलाभ और भाग्योदय के प्रबल योग

21 अक्टूबर सोमवार को इन राशियों में दिखेगा लाभ

21 अक्टूबर सोमवार को इन राशियों में दिखेगा लाभ