भोपाल
मध्यप्रदेश में लोकसभा की सभी सीटों पर जीत हासिल करने और पूरे राज्य में सबसे ज्यादा लगातार आठवीं जीत हासिल करने बाले टीकमगढ़ लोकसभा के सांसद डॉ बीरेंद्र कुमार ने एक नई इबारत लिखकर भले ही अपनी लोकप्रियता का संकेत दिया हो, लेकिन इस बार सैकड़ों की संख्या में बनाए गए सांसद प्रतिनिधियों की जम्बो टीम पार्टी के ही कार्यकर्ताओं के निशाने पर आ गई है।
राजनैतिक पंडितों का कहना है कि कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा, भानुमति ने कुनबा जोड़ा बाली कहावत को क्षेत्रीय सांसद और केंद्र की सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ बीरेंद्र कुमार ने टीकमगढ़, निवाड़ी और छतरपुर जिले में मिलाकर सैकड़ों लोगों को अपना विभागीय सासंद प्रतिनिधि बनाकर उक्त कहावत को चरितार्थ कर दिया। नतीजतन बनाए गए सांसद प्रतिनिधियों के जबरिया हस्तक्षेप ने पार्टी स्तर पर विरोध को हवा दे दी है।
पीएमओ तक भेजी शिकायत
हाल ही में छतरपुर जिले के भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के जिलामंत्री लाल दीवान अहिरवार ने बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस कर केंद्रीय मंत्री पर अपराधी को संरक्षण देते हुए सांसद प्रतिनिधि बनाने का आरोप लगाया है। जिलामंत्री का कहना है कि सरकारी जमीन पर कब्जा, बूथकेप्चरिंग, गैरकानूनी खनन सहित हत्या के आरोप लगे लोकेन्द्र सिंह को अपना सांसद प्रतिनिधि बनाया है। जब ऐसे अपराधियों को क्षेत्रीय सांसद व भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री संरक्षण देंगे तो निःसंदेह क्षेत्र में अपराध बढ़ेगा। मध्यप्रदेश सरकार के पूर्वमंत्री मानवेन्द्र सिंह भंवर राजा व विधायक कामाख्या सिंह से शिकायत की है जिसे पार्टी के राष्ट्रीय स्तर के नेताओं सहित पीएमओ तक भेजने की बात कही है।
विकसित मॉडल की कवायद में बनी थी जम्बो टीम
गौरतलब है कि टीकमगढ़ की जिलापंचायत के सभागार में बीते माह आयोजित जनचौपाल में सांसद व केंद्रीय मंत्री ने अपने संसदीय क्षेत्र को विकसित मॉडल बनाने की बात कही थी, उसी के मद्देनजर छोटे से छोटे विभाग में अपने प्रतिनिधि तैनात कर विकास की कवायद में सभी को साधने की कोशिश की थी। खासकर दूसरे दलों से आए छुटभैये नेताओं को अपना सांसद प्रतिनिधि बनाकर अपनी विरदावली गाने बालों की फेहरिस्त बड़ी कर ली थी।
राजनीति के जानकारों का मानना है कि भले ही केंद्रीय मंत्री ने एक लंबी फौज तैयार कर एक अभिनव प्रयोग किया हो, लेकिन सही छानबीन न होने के कारण उनके पांसे उल्टे पड़ते दिखाई दे रहे हैं।
भाजपा में आपसी कलह उजागर
सत्ता में चलावे की रफ्तार से ही रुतबा तय होता है और जब कोई किसी के रुतबे को कमतर करने की गाहेबगाहे कोशिश करता है, तो कलह होना लाजिमी होता है। मध्यप्रदेश में भाजपा के सांसद ,मंत्री व विधायकों में सब ठीक चल रहा हो ऐसा दिखाई नहीं देता। रायसेन के एक कार्यक्रम में नर्मदापुरम सांसद दर्शन सिंह चौधरी और मध्यप्रदेश सरकार के लोकस्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा मंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल का एक कार्यक्रम में नाम ऊपर नीचे छपने को लेकर विवाद चर्चित रहा है । रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा और विधायक सिद्धार्थ तिवारी का एक दूसरे पर आरोप लगा कर आपसी कलह को उजागर किया था।