जयपुर.
राजस्थान की सियासत में रविवार को एक बड़ा घटनाक्रम हुआ। सरकार से इस्तीफा दे चुके कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने मौजूदा सरकार के फाइनेंस सेक्रेट्री IAS अखिल अरोड़ा सहित DOIT के अन्य अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने की मांग की है। मामले में पूर्व में जांच एजेंसी ACB ने अखिल अरोड़ा के खिलाफ सरकार से भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (PC Act) की धारा 17-ए के तहत अनुसंधान की अनुमति के लिए सरकार को चिट्ठी खिली थी।
किरोड़ी लाल मीणा ने रविवार को सीएम भजनलाल शर्मा के भरोसेमंद मंत्री जवाहर सिंह बेड़म को ज्ञापन सौंप कर अखिल अरोड़ा सहित DOIT के अन्य कई अफसरों के खिलाफ FIR दर्ज करवाने की मांग की। ज्ञापन में डॉ. किरोड़ी ने इन सभी अफसरों के खिलाफ पूर्व में ACB को परिवादी टीएन शर्मा की ओर से सौंपे गए सबूतों की कॉपी भी सौंपी। उन्होंने ज्ञापन में एसीबी में दर्ज परिवाद सख्ंया 403/2019 एवं 19/2020 का हवाला देते हुए बताया कि उक्त परिवादों पर जांच के लिए एसीबी ने सरकार से अनुमति मांगी लेकिन पूर्व सरकार ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया। गौतरलब है कि ACB का यह पत्र अब पिछले 9 महीनों से मौजूदा सरकार के पास जांच की अनुमति के लिए पेंडिंग है।
किरोड़ी बोले जिनके खिलाफ मैं धरने पर बैठा, उन पर FIR हो
डॉ. किरोड़ी ने ज्ञापन में वीडियो वॉल टेंडर, ई-मित्र मशीन घोटाला, फाइबर ऑप्टिक केबल घोटाला, ट्रेवलिंग अलाउंस घोटाला, राजनेट घोटाला, मेन पावर घोटाला, फर्जी दस्तावेजों से टेंडर लेने का घोटाला और अन्य दूसरे घोटालों का जिक्र करते हुए लिखा कि इन मामलों में एफआईआर दर्ज करवाने के लिए वे पिछली सरकार में 3 दिन तक अशोक नगर थाने के बाहर धरने पर बैठे थे। लेकिन पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने इसके लिए जांच की अनुमति नहीं दी। डॉ. किरोड़ी बोले लॉकर्स में सोना मिलने का जिक्र प्रधानमंत्री ने अपने चुनावी सभाओं में किया, अब बीजेपी सरकार है इसलिए FIR होनी जरूरी है।