बरखेड़ा और बुधनी रेल लाइन पर 2015 से अब तक 14 तेंदुए, सात बाघ और एक भालू की मौत, परियोजना निर्माण को लेकर चिंता

भोपाल

मध्य प्रदेश में 2015 से अब तक 14 तेंदुए, सात बाघ और एक भालू की मौत हो चुकी है। अब राज्य वन्यजीव विभाग ने बरखेड़ा और बुधनी के बीच रेलवे लाइन परियोजना के निर्माण को लेकर कई तरह की चिंता जताई है। जिससे पता चलता है कि वन्यजीवों को दुर्घटनाओं से बचाने के लिए किए गए उपायों को ठीक से लागू नहीं किया गया है।

2011-12 में स्वीकृत बरखेड़ा-बुदनी खंड 26.50 किलोमीटर लंबा ट्रैक है जिसे 991.60 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। यह रातापानी वन्यजीव अभयारण्य और टाइगर रिजर्व में आता है। यह रेलवे लाइन तब जांच के घेरे में आई जब 14-15 जुलाई की रात को भोपाल से करीब 70 किलोमीटर दूर मिडघाट के एक फॉरेस्टेड एरिया में ट्रेन की चपेट में आने से तीन बाघ शावक घायल हो गए। चोट लगने की वजह से आखिरकार उनकी मौत हो गई।

रिपोर्ट के अनुसार, रिकॉर्ड से पता चलता है कि वन्यजीव विभाग ने इस साल 6 सितंबर को एक समीक्षा बैठक में रेलवे लाइन के निर्माण के संबंध में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड द्वारा लगाई गई कुछ शर्तों के अनुपालन में खामियों को उजागर किया था। विभाग ने कहा कि 'भारत सरकार से प्राप्त सशर्त अनुमति के तहत लगाई गई शर्तों का एजेंसी (भारतीय रेलवे) द्वारा पूरी तरह से पालन नहीं किया गया।'

बैठक के दौरान उठाया गया एक मुख्य मुद्दा अंडरपास का अनुचित निर्माण था, जिसका मकसद वन्यजीवों के लिए सुरक्षित मार्ग प्रदान करना था। विभाग ने कहा कि यह 'अंडरपास लोकल ड्रेनेज सिसटम्स के ऊपर बना हुआ है जो मॉनसून के दौरान पानी से भर जाते हैं, जिससे जानवरों को वैकल्पिक रास्ते तलाशने पड़ते हैं, जो अक्सर उन्हें रेलवे पटरियों पर ले जाते हैं।'

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 'खराब जल निकासी के कारण पटरियों के पास जलभराव वाले क्षेत्र पानी की तलाश में जानवरों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं', जिससे रेल से उनके टकराव का खतरा और बढ़ गया है। बैठक में रेलवे पटरियों से दूर वैकल्पिक जल स्रोतों को विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। बैठक में गति सीमा विवाद भी एक मुद्दा था।

विभाग ने कहा कि वन क्षेत्रों से गुजरने वाली ट्रेनों के लिए स्वीकृत गति सीमा '60 किमी प्रति घंटा निर्धारित की गई थी, वहीं रेलवे अधिकारियों द्वारा लगाए गए बोर्ड 75 और 65 किमी प्रति घंटे की गति सीमा दर्शाते हैं', जो निर्धारित सुरक्षा उपायों का स्पष्ट उल्लंघन है। ट्रैक के रखरखाव के मुद्दे पर भी चर्चा की गई। फील्ड स्टाफ, वैज्ञानिकों और पशु चिकित्सकों द्वारा संयुक्त निरीक्षण से पता चला कि 'ट्रैक के बीच की घास विजिबिलिटी में बाधा डालती है, जिससे ट्रेन के पायलटों के लिए वन्यजीवों को देखना और जानवरों के लिए आने वाली ट्रेनों से बचना मुश्किल हो जाता है।'

admin

Related Posts

उत्तर प्रदेश के शाहगंज की पिंकी चार देसी पिस्टलों की तस्करी करते गिरफ्तार, महिला होने से पुलिस नहीं करती थी संदेह

बुरहानपुर पाचोरी के सिकलीगरों द्वारा बनाई गई चार देसी पिस्टलों की तस्करी करते गिरफ्तार की गई उत्तर प्रदेश के शाहगंज की पिंकी को लेकर नई जानकारी सामने आई है। पुलिस…

LG ने दिए निर्देश, ईडब्ल्यूएस श्रेणी के तहत प्रवेश के लिए वार्षिक आय सीमा को कम से कम पांच लाख रुपये प्रतिवर्ष किया जाए

नई दिल्ली एलजी वीके सक्सेना ने आप सरकार को सुझाव दिया है कि निजी स्कूलों में ईडब्ल्यूएस श्रेणी के तहत प्रवेश के लिए वार्षिक आय सीमा को कम से कम…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

धर्म

14 नवंबर 2024 गुरुवार को इन राशियों में दिखेगा लाभ

14 नवंबर 2024 गुरुवार को इन राशियों में दिखेगा लाभ

सिद्ध पीठों में प्रमुख है हरिद्वार का मनसा देवी मंदिर

सिद्ध पीठों में प्रमुख है हरिद्वार का मनसा देवी मंदिर

कार्तिक पूर्णिमा पर बन रहे शुभ योग, स्नान और दीपदान का है विशेष महत्व

कार्तिक पूर्णिमा पर बन रहे शुभ योग,  स्नान और दीपदान का है विशेष महत्व

13 नवंबर 2024 बुधवार को इन राशियों में दिखेगा लाभ

13 नवंबर 2024 बुधवार  को इन राशियों में दिखेगा लाभ

आज से चमक इन राशियों की किस्मत

आज से चमक इन राशियों की किस्मत

12 नवंबर 2024 मंगलवार को इन राशियों में दिखेगा लाभ

12 नवंबर 2024 मंगलवार को इन राशियों में दिखेगा लाभ