ग्वालियर
सिंधिया स्कूल फोर्ट के छात्र मेधांश त्रिवेदी ने मानव ड्रोन तैयार किया है, जो एक व्यक्ति को बैठाकर उड़ने भरने में सक्षम है। कक्षा 12वीं के छात्र मेधांश ने इस ड्रोन का नाम एमटीएलडी-01 नाम दिया है। मेधांश बताते हैं कि इस ड्रोन को बनाने में तीन माह का समय लगा। इस दौरान कई बार असफलता भी हाथ लगी। इसमें लगभग चार लाख रुपये खर्च आया है। इस ड्रोन का खाली वजन 32 किलोग्राम है और उड़ान का समय आठ मिनट है। यह ड्रोन कुल 50 हार्सपावर का है, जो ट्रैक्टर से भी ज्यादा ताकतवर है। मेधांश ने बताया कि यह ड्रोन चार किलोमीटर की ऊंचाई तक जा सकता है। ड्रोन की अधिकतम गति 80 किलोमीटर प्रति घंटा है।
एयर टैक्सी कंपनी शुरू करने के लिए फंडिंग की तलाश
ड्रोन सिर्फ 1.8 मीटर चौड़ा और 1.8 मीटर लंबा है और यह 90 किलोग्राम वजन उठा सकता है। मेधांश बताते हैं कि ड्रोन को पूरा करने में काफी जोखिम उठाना पड़ा।
ड्रोन में बैठे व्यक्ति के ठीक बगल में 50 इंच व्यास वाले प्रोपेलर बहुत तेजी से घूम रहे हैं।
मेधांश ड्रोन को और बेहतर बनाने और अपनी एयर टैक्सी कंपनी शुरू करने के लिए फंडिंग की तलाश कर रहे हैं।
इसके साथ ही वह लोगों के लिए सस्ता हेलीकॉप्टर भी उपलब्ध कराना चाहते हैं।
अलग-अलग प्लेटफार्म पर चीन के ड्रोन देख आया आइडिया
वह बताते हैं कि मैंने अलग-अलग प्लेटफार्म पर चीन के ड्रोन देखे थे। उनको देखने के बाद उसके मन में भी कुछ अलग करने का विचार आया।
इस ड्रोन के लिए मेधांश को ज्योतिरादित्य सिंधिया और इसरो के सीईओ एस सोमनाथ से पुरस्कार भी मिला। मेधांश ने इस ड्रोन का प्रदर्शन सिंधिया स्कूल फोर्ट के स्थापना दिवस पर किया था।