नई दिल्ली
दिल्ली में सत्ता विरोधी लहर और लोगों के गुस्से को कम करने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) एक तिहाई मौजूदा विधायकों के टिकट काट सकती है। इनमें वो विधायक भी शामिल हैं जिन्होंने 2015 के विधानसभा चुनावों में शानदार जीत हासिल की थी। मगर 2025 की चुनावी दौड़ से इन्हें बाहर किया जा सकता है। यह जानकारी पार्टी के तीन वरिष्ठ नेताओं ने दी है।
20 विधायकों के कट सकते हैं टिकट
पार्टी की चुनावी रणनीति में शामिल नेताओं ने बताया कि 20 से अधिक विधायकों को टिकट न देने का फैसला जमीनी सर्वे और विधायकों के विभिन्न मानदंडों जैसे कि संबंधित क्षेत्रों में किए गए विकास कार्य, लोकप्रियता, पहुंच और सत्ता विरोधी भावना के आधार पर किया गया है। पार्टी ने पिछले महीने जारी उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची से तीन मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं दिया।
विधायक से जनता नाराज
एक नेता ने कहा, 'सर्वे और स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया के आधार पर टिकटों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। कई विधायक काफी लोकप्रिय बने हुए हैं, वहीं कई विधायकों के खिलाफ गुस्सा है, लेकिन स्थानीय लोग कह रहे हैं कि वे अरविंद केजरीवाल से संतुष्ट हैं। हमारे अनुमान के मुताबिक, करीब 20 विधायकों को हटाया जा सकता है। हालांकि, अंतिम फैसला पार्टी नेतृत्व द्वारा लिया जाएगा।' फरवरी 2020 के विधानसभा चुनावों में आप ने 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में 62 सीटें जबकि आठ सीटों पर भाजपा को विजय मिली थी।
आप के चार नेताओं, जिनमें हाल ही में पार्टी छोड़ने वाले पूर्व परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत शामिल हैं, ने या तो इस्तीफा दे दिया या उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। इससे विधानसभा में पार्टी की ताकत घटकर 58 रह गई। सत्तारूढ़ पार्टी अब चुनावों के लिए कमर कस रही है और इस उम्मीद में है कि वह भ्रष्टाचार के आरोपों से ऊपर उठ जाएगी, जिसके कारण पिछले कुछ सालों में आप में कई बदलाव हुए हैं। एक नेता ने स्वीकार किया कि लोगों में 'काम न करने वाले कई विधायकों' के खिलाफ भी गुस्सा पनप रहा है।