पीएम मोदी ने कहा-तीर्थंकरों की शिक्षाओं और मूर्तियों के जरिए इस धर्म का प्रभाव संसद भवन पर दिखाई देता है

नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 'नवकार महामंत्र दिवस' पर आयोजित 'नवकार महामंत्र' कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बिना जूते के पहुंचे। इसके अलावा उन्होंने मंच पर नहीं बल्कि आम लोगों के साथ बैठकर कार्यक्रम में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने पारंपरिक धोती और कुर्ता धारण किया था। इस दौरान उन्होंने कहा कि जैन धर्म ने भारत की पहचान स्थापित करने में अमूल्य भूमिका निभाई है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि इसके मूल्य आतंकवाद, युद्ध और पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी वैश्विक चुनौतियों से पार पाने में मददगार हैं। पीएम मोदी ने 'नवकार महामंत्र दिवस' के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार इस प्राचीन धर्म की विरासत और शिक्षाओं के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि तीर्थंकरों की शिक्षाओं और मूर्तियों के जरिए इस धर्म का प्रभाव संसद भवन पर दिखाई देता है।

क्यों मनाया जाता है नवकार महामंत्र दिवस?
नवकार महामंत्र दिवस आध्यात्मिक सद्भाव और नैतिक चेतना का एक महत्वपूर्ण उत्सव है, जो जैन धर्म में सबसे अधिक पवित्र है। इस नवकार महामंत्र के सामूहिक जप के माध्यम से लोगों को एकजुट करने का प्रयास किया जाता है। इस दौरान 108 से अधिक देशों के लोग शांति और एकजुटता के लिए वैश्विक जप में शामिल हुए। अनेकांतवाद के सिद्धांत का हवाला देते हुए मोदी ने कहा कि दुनिया को इसकी बहुत जरूरत है क्योंकि इसके तहत विभिन्न दृष्टिकोणों की सराहना की जाती है। अनेकांतवाद जैन धर्म में गैर-निरपेक्षता को बढ़ावा देने वाला एक प्रमुख सिद्धांत है। इसके तहत यह माना जाता है कि अंतिम सत्य को अलग-अलग तरीके से देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि जैन धर्म में जीवन की पारस्परिक निर्भरता का खासा महत्व है और इसलिए इसमें मामूली हिंसा पर भी रोक है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह शांति, सद्भाव और पर्यावरण संरक्षण के लिए सबसे अच्छा सबक है। मोदी ने कहा कि जैन साहित्य भारत की आध्यात्मिक भव्यता की रीढ़ है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इसे संरक्षित करने के लिए कई कदम उठा रही है, जिसमें इसके प्राचीन ग्रंथों का डिजिटलीकरण और पाली व प्राकृत को शास्त्रीय भाषा घोषित करने की हालिया योजना भी शामिल है।

मोदी ने लोगों से जल संरक्षण, अपनी मां की याद में एक पेड़ लगाना, स्वच्छता को बढ़ावा देना, स्थानीय लोगों के लिए मुखर होना, देश में यात्रा करना, प्राकृतिक खेती को अपनाना, मोटे अनाजों का अधिक सेवन कर स्वस्थ जीवनशैली अपनाना और खाद्य तेल के उपयोग में 10 प्रतिशत की कटौती करना, गरीबों की मदद करना और खेल तथा योग को दिनचर्या में सम्मिलित करने समेत नौ प्रतिज्ञाएं लेने का अनुरोध किया। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद लोगों से देश भर में एकता का संदेश ले जाने और "भारत माता की जय" कहने वाले किसी भी व्यक्ति को गले लगाने को कहा।

admin

Related Posts

10 प्रोजेक्ट पाकिस्तान को बूंद-बूंद के लिए तरसा सकते हैं, भारत में बनेगी बिजली और सीमापार झटका

नई दिल्ली पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने सिंधु जल समझौते को रोक दिया है। इस फैसले से ही पड़ोसी देश में चिंता की स्थिति है, लेकिन पाकिस्तान…

जस्टिस बीआर गवई ने खुद बताया- सुप्रीम कोर्ट के 20 से ज्यादा न्यायाधीश संपत्ति की जानकारी सार्वजनिक कर चुके हैं

नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट के 20 से ज्यादा न्यायाधीश संपत्ति की जानकारी सार्वजनिक कर चुके हैं। इनमें शीर्ष न्यायालय के अगले CJI यानी मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई का नाम…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

धर्म

सभी के लिए आदर्श हैं भगवान श्रीराम

सभी के लिए आदर्श हैं भगवान श्रीराम

बुद्ध पूर्णिमा का हिंदू और बौद्ध दोनों ही धर्मों के लिए महत्वपूर्ण, जाने कब है बुद्ध पूर्णिमा

बुद्ध पूर्णिमा का हिंदू और बौद्ध दोनों ही धर्मों के लिए महत्वपूर्ण, जाने कब है बुद्ध पूर्णिमा

05 मई 2025 सोमवार, सूर्य की तरह चमकेगा इन राशियों का भाग्य

05 मई 2025 सोमवार, सूर्य की तरह चमकेगा इन राशियों का भाग्य

04 मई 2025 रविवार सूर्य की तरह चमकेगा इन राशियों का भाग्य

04 मई 2025 रविवार सूर्य की तरह चमकेगा इन राशियों का भाग्य