महाकौशल के चुनाव समर में जबलपुर पर सबकी नजर .
उदित नारायण
महाकौशल क्षेत्र की विधानसभा सीटो को साधने के लिए चुनाव के नजदीक आते ही, भाजपा व कांग्रेस दोनों में घमासान बचा हुआ है । जबलपुर जहां पर कांग्रेस के चुनाव अभियान की शुरुआत की थी कांग्रेस की वरिष्ठ राष्ट्रीय नेता श्रीमती प्रियंका गांधी ने , नर्मदा जी का पूजन करके , पूर्व मुख्य मंत्री कमलनाथ जी के नेतृत्व में , मध्य प्रदेश कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेताओं के साथ संदेश स्पष्ट था , सनातन और आस्था पर किसी दल विशेष का एकाधिकार , राजनैतिक धरातल पर नहीं रहेगा ।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने जबलपुर से ही जन। आशीर्वाद यात्रा प्रारंभ करके , मतदाताओ को साधने के लिए कार्यकर्ताओं को चुनावी मोड पर ला दिया है । वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा जबलपुर से चार सीट केंट पनागर सिहोरा पाटन पर विजयी रही । वहीं कांग्रेस पूर्व पश्चिम , बरगी और उत्तर मध्य विधानसभा पर अपना परचम लहरा कर इस चुनाव में मजबूत परिस्थितियों से खड़ी हुई है ।
जबलपुर में दो सीट्स की घोषणा करके भाजपा ने जहां प्रचार में बढ़त बनाई हुई है वही इस क्षेत्र में भाजपा को इस बार की विधानसभा मैं विरोध के स्वर और भीतर घात, झेलने का खतरा बना हुआ है । कांग्रेस की हारी हुई सीट पर इस बार भी पकड़ कमजोर नजर आ रही है ।
कैट सीट कभी कांग्रेस की परंपरागत हुआ करती थी , जो भीतर घाट के कारण 1992 से भाजपा का गढ़ बनी हुई है इस अभेद दुर्ग में कांग्रेस फिर से आपस की खीचतान झेल रही है ।
यहां से महापौर श्री जगत बहादुर सिंह अन्नू के चुनाव लडने से संभावना बेहतर होती परंतु अभी उनके चुनाव लडने से मना करने पर कांग्रेस को स्वच्छ छवि के युवा उम्मीदवार की तलाश है । दागियों के सहारे चुनाव को पार पाना मुश्किल है ।
केंट विधानसभा में कांग्रेस संगठन बेहद कमजोर नजर आ रहा है । और पूर्व विधानसभा में भाजपा के घोषित प्रत्याशी आंचल सोनकर ने, जोरो से अपना प्रचार अभियान शुरू कर दिया है । वही लखन घंघोरिया इस बार पहले से चुनावी मोड पर है । यहां पूर्व विधानसभा में ए आई एम आई एम की उपस्थिति उनकी राह को कठिन बना रहे हैं । ग्रामीण क्षेत्रों में पाटन से और पनागर से भाजपा की स्थिति मजबूत नजर आती है , परंतु पाटन विधानसभा से यदि श्री अजय विश्नोई का टिकट बदलता है तो पाटन विधानसभा और आसपास के क्षेत्र में इसका प्रभाव देखने को मिलेगा ।
बरगी क्षेत्र में कांग्रेस इस बार भी बढ़त बनाए दिखाई दे रही है ।भाजपा के घोषित प्रत्याशी की व्यक्तिगत दबंगई, चुनाव में पार्टी को किसी तरफ ले जाती है , इस चुनाव परिणाम बताएंगे ।
सिहोरा विधानसभा में विधायक नंदनी मरावी की निष्क्रियता से सिहोरा क्षेत्र की जनता भाजपा से मुंह फेर सकते हैं । पार्टी ने स्थिति को भांप कर खिलाड़ी सिंह की घर वापसी विगत माह में करवा दिए हैं । कांग्रेस से जनता को बेहतर उम्मीदवार मिलता है तो सीट कांग्रेस के खाते में आ सकती है । जबलपुर का चुनावी परिणाम , जहां एक तरफ मध्य प्रदेश सरकार 2023 चुनाव के लिए मायने रखता है । वहीं अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में भी इसका सीधा प्रभाव होना निश्चित है ।