Why is the district managment merciful on the lock-up in-charge.
संतोष सिंह तोमर
भोपाल/उमरिया। पुलिस महकमे पर उंगलियां उठना कोई नई बात नहीं है लेकिन जब बड़े अधिकारियों की छोटे अधिकारी पर मेहरबानी की हो तो बात चर्चा का विषय बन जाती है। पुलिस विभाग के बड़े अधिकारियों की मेहरबानी का ऐसा ही एक मामला उमरिया जिले में आजकल सुर्खियों में होकर चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल उमरिया जिले की बांधवगढ़ ताला पुलिस चौकी के प्रभारी महोदय के चौकी प्रेम को लेकर यह मामला सामने आया है। यहां पदस्थ प्रभारी को अपनी इस चौकी से इतना मोह हो चुका है कि वह अपने कार्यकाल के लगभग एक दशक से इसी चौकी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, हालांकि इनको कई बार ताला चौकी के प्रभारी पद से बदलकर अन्य जगह भी भेजा गया है लेकिन अधिकारियों की मेहरबानी के चलते ये प्रभारी महोदय महीने दो महीने में वापस ताला चौकी पर बतौर प्रभारी अपनी आमद दर्ज करा लेते हैं। इतना ही नही इनके साथ ही पदस्थ एक आरक्षक भी सुर्खियों में हैं जो कि बहुत लंबे समय से इसी चौकी पर सेवायें देते नजर आ रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार उमरिया जिले की बांधवगढ़ ताला पुलिस चौकी का प्रभार वर्तमान में सब इंस्पेक्टर वीरेन्द्र सिंह यादव के पास है, कोरोना काल के दौरान उक्त प्रभारी का तबादला बिलासपुर चौकी हुआ था जबकि इससे पूर्व में भी वीरेन्द्र सिंह बतौर प्रभारी ताला चौकी ही देख रहे थे, जब बिलासपुर से तबादला हुआ तो, फिर इन्हें ताला चौकी ही दे दी गई, कहते हैं कि खातिरदारी में महारत हासिल कर चुके प्रभारी को बांधवगढ़ ताला चौकी से इतना मोह है कि वह यहां से कहीं और नहीं जाना चाहते है। बीते दिनों पूरे जिले में पुलिसकर्मियों के तबादले हुए, लेकिन ताला चौकी प्रभारी जहां के तहां पदस्थ रहे। हालाकि इनके साथ एक और पुलिसकर्मी सुधीर द्विवेदी के बारे। में भी बताया जाता है कि उन्हें भी ताला चौकी से आज तक नहीं हटाया गया है। सब इंस्पेक्टर वीरेंद्र सिंह के साथ मिलकर सुधीर द्विवेदी ताला चौकी क्षेत्र की कमान संभाल रहे हैं।
मैनेजमेंट में माहिर चौकी प्रभारी या चरण वंदना का फल
बांधवगढ़ ताला चौकी क्षेत्र के जंगलों सहित निजी रिसॉर्ट में जुएं का फड़ का संचालन किसी से छुपा नहीं है। चौकी प्रभारी वीरेंद्र सिंह यादव और उनके मातहत सुधीर की कार्यकुशलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इलाके में कभी बड़े स्तर पर लाखों रुपये का जुआ पकड़ा जाता है तो कभी आईपीएल पर लाखों का सट्टा खिलवाते आरोपी वरिष्ठ अधिकारियों को मिली मुखबिरी के आधार पर दबोचे जाते हैं लेकिन क्षेत्र में अवैध कार्यकलापों की सूचना चौकी प्रभारी को नहीं मिल पाती और बड़े अधिकारियों तक पहुंच जाती है, यह बहुत ही अचरज की बात है और इससे भी बड़ी बात ये की करीब पांच वर्ष पहले एक रिसोर्ट संचालक के साथ रिसॉर्ट में घुसकर मारपीट करने वाले कुछ लोगों में चौकी प्रभारी वीरेंद्र सिंह यादव का नाम भी आरोपियों की लिस्ट में आ चुका है। इस तरह के गंभीर मामले सामने आने के बाद भी उनके पास चौकी का प्रभार बने रहना बहुत कुछ कहता है। वर्षाे से एक ही स्थान पर पदस्थापना के लिए इन्होंने कितनी चरण वंदना की होगी या फिर इनका मैनेजमेंट बहुत ऊपर तक है। इस बारे में फिलहाल कुछ भी कहना मुश्किल है।
अप्रेल 2023 में आईपीएल क्रिकेट सट्टा पकड़ा गया।
पुलिस की टीम ने विगत पांच माह पूर्व अप्रेल 2023 में मुखबिर की सूचना पर कार्यवाही करते हुए बांधवगढ़ नेशनल पार्क के बफर एरिया में स्थित वाइल्ड टाइगर रिसॉर्ट के रूम नंबर 406 व 407 में छापा मारकर जबलपुर के नीलकमल प्रजापति,आकाश राज, राजेश कुमार कुशवाहा,अजय चक्रवर्ती व नितिन केशरवानी और सिवनी का संदीप सराठे आईपीएल को आईपीएल पर क्रिकेट मैच पर सट्टा खिलाते हुए पकड़ा था। कार्रवाई के दौरान वाईफाई डिवाइस से जुड़े 34 मोबाइल दो टीवी, कार और साढ़े 5 हजार रुपये नगद पकड़े गए थे। इसके साथ ही 30 लाख 71 हजार के सट्टे का हिसाब-किताब भी बरामद किया गया था। लैपटॉप में आकाश नाम की एप्लीकेशन से आईपीएल क्रिकेट का सट्टा खिलाया जा रहा था। पुलिस के मुताबिक सट्टे के उपयोग में आने वाली समग्री सहित कुल जब्ती 55 लाख की बताई गई थी।
मई 2022 में पुलिस ने पकड़ा था 50 लाख का जुआ।
बांधवगढ़ टाइगर रिसर्व स्थित एक निजी रिसॉर्ट में जुएं का बड़ा करोबार पकड़ाये जाने का मामला मई2022 में सामने आया था। पुलिस ने रिसॉर्ट में जुआं खेलते कई लोगों को दबोचा था। जिनके पास से नगदी समेत कुल 50 लाख का मशरुका जब्त किया गया था। तत्कालीन पुलिस अधीक्षक को मिली मुखबिर की सूचना के आधार पर उनकी बनाई टीम ने एक निजी रिसॉर्ट पर दबिश देकर जुआ खेल रहे उद्धव खट्टर निवासी उमरिया, जयराम सिंधी बुढ़ार, मोहन निवासी बुढ़ार, अनिल गुप्ता निवासी धनपुरी, अकेश गुप्ता निवासी धनपुरी, नीरज निवासी धनपुरी, इमरान खान निवासी सोहागपुर , तौफिक खान निवासी बिरसिंहपुर पाली, मोइन अली निवासी सोहागपुर आदि को गिरफ्तार किया था। इनपर जुआं एक्ट के तहत कार्यवाही की गई थी। पुलिस ने इनके पास से तीन गाडिय़ा व आठ मोबाइल जब्त किए थे।
मार्च 2017 में चौकी प्रभारी के खिलाफ भी दर्ज हुआ था आपराधिक मामला।
ताला चौकी के प्रभारी वीरेंद्र सिंह यादव पर वर्ष 2017 में इसी चौकी के प्रभारी पद पर रहते हुए वन विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर एक रिटायर वन रेंजर की बुरी तरह मारपीट करने का भी आरोप लग चुका है। इस मारपीट में पीड़ित व्यक्ति को गंभीर चोटें आईं थीं और एक कान से सुनाई देना भी बंद हो गया था। बताया गया है कि मार्च 2017 में बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के तत्कालीन क्षेत्र संचालक सहित 7 लोगों के विरुद्ध वन विभाग के रिटायर रेंजर अशोक सिन्हा ने सीजेएम कोर्ट उमरिया में इस्तगासा पेश किया था, जिसमें आरोपित किया था कि 20 मार्च 2017 की रात 11.30 बजे का कुलहवाहा में उनके रिसोर्ट पहुंचकर राष्ट्रीय उद्यान के क्षेत्र संचालक सहित 7 आरोपियों ने उनके साथ मारपीट की और नगदी रुपये छीन लिए। सीजेएम कोर्ट उमरिया में पेश इस्तगासा पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के तत्कालीन क्षेत्र संचालक, सहायक संचालक, सहायक संरक्षक वन, वन रेंजर खितौली, ड्राइवर, एमपीईबी के जूनियर इंजीनियर और पुलिस चौकी ताला के तत्कालीन प्रभारी वीरेन्द्र यादव के विरुद्ध धारा 458, 325, 294, 506बी, 148, 149 IPC के तहत केस दर्ज कर आरोपियों को कोर्ट में पेश करने गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था।
खत्म होगा राजपाठ या बरकरार रहेगी मेहरबानीयां।
इस मामले को लेकर जब हमने वर्तमान पुलिस अधीक्षक उमरिया निवेदिता नायडू से बात की और उन्हें उक्त दोनों पुलिसकर्मियों के वर्षों से एक ही स्थान पर जमे रहने के बारे में बताया, तो उन्होंने हमारी बातों के जबाब में कहा कि आपके बताये पॉइंट को हमने नोट कर लिया है। एसआरसी में दिखवाते हैं। अब देखना यह है कि पुलिस अधीक्षक महोदया द्वारा इस मामले के संज्ञान में आने के बाद क्या कार्यवाही की जाती है। क्या चौकी प्रभारी का 10 साल का राजपाठ खत्म होगा या फिर उन पर विभाग के अधिकारियों की मेहरबानियां बरकरार रहेंगी।