“MLAs from Tikamgarh and Singrauli also left the BJP.”
भाजपा में बगावत का खेल चरम पर। नहीं थम रहा इस्तीफों का सिलसिला।
संतोष सिंह तोमर
भोपाल। मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय चुनाव समिति द्वारा प्रत्याशियों के नामों की पांचवी सूची जारी होने के बाद से पार्टी में नाराज नेताओं के बगावती तेवर खुलकर सामने आने लगे हैं। प्रदेश के भाजपा की 5वीं लिस्ट जारी होने के बाद से ही बगावत का दौर शुरू हो गया है। शनिवार को जिले की टीकमगढ़ और जतारा विधानसभा के प्रत्याशियों के नाम घोषित किए गए। इसके साथ ही टिकट की दौड़ में शामिल अन्य दावेदारों ने अपनी नाराजगी जताते हुए पार्टी के प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। रविवार को बीजेपी के पूर्व विधायक के के श्रीवास्तव ने पार्टी प्रदेश अध्यक्ष और जिलाध्यक्ष के नाम अपना इस्तीफा भेज दिया है। वहीं सिंगरौली विधायक रामलल्लू वैश्य की नाराजगी भी खुलकर सामने आ गई है।
टीकमगढ़ भाजपा विधायक का इस्तीफा।
विधानसभा चुनाव के लिए टीकमगढ़ से के के श्रीवास्तव अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर रहे थे। साल 2013 में पार्टी ने उन्हें टिकट दिया था। वे 17000 वोटों से चुनाव जीते थे। उन्होंने कांग्रेस के कद्दावर नेता यादवेंद्र सिंह बुंदेला को हराया था। साल 2018 में पार्टी ने के के श्रीवास्तव का टिकट काटकर राकेश गिरी को प्रत्याशी बनाया। इस बार के के श्रीवास्तव फिर विधानसभा चुनाव के लिए अपनी मजबूत दावेदारी दिखा रहे थे, लेकिन लगातार दूसरी बार पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया है। इससे नाराज होकर आज उन्होंने अपने निवास पर समर्थकों के साथ मिटिंग की। इस दौरान भाजपा के कई पदाधिकारी उनके घर मौजूद रहे। पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों से बात करने के बाद उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी। उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और जिला अध्यक्ष अमित नुना को भेज दिया है। उनके इस्तीफे के बाद उनके कई समर्थकों ने भी पार्टी छोड़ दी है।
सिंगरौली विधायक वैश्य ने छोड़ी भाजपा।
सिंगरौली विधानसभा क्षेत्र में भी टिकट बंटवारे को लेकर विधायक रामलल्लू वैश्य और उनके समर्थकों की नाराजगी किसी से छुपी नहीं है। टिकट कटने से नाराज सिंगरौली विधायक रामलल्लू वैश्य ने भी भाजपा को बाय-बाय कह दिया है। उन्होंने कहा कि हमें धोखे का जवाब शालीनता से देना है। हम अपनी ताकत दिखाएंगे। बता दें कि वैश्य पिछले तीन बार से विधायक थे। पार्टी ने इनका टिकट काटकर रामनिवास शाह को अपना प्रत्याशी बनाया है। जिससे नाराज होकर उन्होंने पार्टी छोड़ दी है। विधायक रामलल्लू वैश्य कभी भी अपना इस्तीफा भाजपा के संघठन पदाधिकारियों को सौंप सकते हैं। नाराज विधायक समर्थकों के बढ़ते आक्रोश के चलते यहां भाजपा के वर्तमान प्रत्याशी रामनिवास शाह को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
के. के. श्रीवास्तव लड़ सकते हैं चुनाव
भाजपा के पूर्व विधायक के. के. श्रीवास्तव ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि टिकट वितरण में पार्टी की ओर से कराए गए सर्वे और कार्यकर्ताओं की राय को नजरअंदाज किया गया है। पार्टी के फैसले से मैं व्यथित हूं। इसलिए पार्टी के सभी दायित्व से मुक्त होकर प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देता हूं। भाजपा से इस्तीफा देने के बाद के के श्रीवास्तव ने विधानसभा चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं। उनके मैदान में उतरने से टीकमगढ़ विधानसभा में मुकाबला त्रिकोणीय होने के आसार हैं। यहां गौरतलब है की टीकमगढ़ विधानसभा से पूर्व विधायक के साथ ही कई भाजपा नेता व कार्यकर्ताओं ने भी सामूहिक इस्तीफा दिया है।