Former Chief Minister Digvijay Singh raised questions about the EVM (Electronic Voting Machine).
वोट कहां गया यह जानना हमारा संवैधानिक अधिकार।
निष्पक्षता से सॉफ्टवेयर के विषय में जानकारी दे ईसी।
उदित नारायण
भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस पार्टी से राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह नेएक बार फिर ईवीएम मशीन से वोटिंग पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि मैं ईवीएम से वोट कराने का विरोध नहीं करता, लेकिन चुनाव आयोग बताए कि जिस मशीन में चिप लगी हो तो वह टेंपर प्रूफ कैसे हो सकती है? ईवीएम में वोट कहां गया ये जानना हमारा संवैधानिक अधिकार है। ईवीएम, वीवीपैट और काउंटिंग यूनिट में जो सॉफ्टवेयर है, चुनाव आयोग को निष्पक्षता से उस सॉफ्टवेयर के विषय में जानकारी देनी चाहिए। इलेक्शन कमिशन हमसे मिलने को तैयार नहीं है। हमने एक सवालों की फेहरिस्त बनाई थी लेकिन आयोग उसका जवाब नहीं दे रहा है। बता दें कि कांग्रेस की ओर से ईवीएम मशीन को लेकर बनाई गई कमेटी को दिग्विजय सिंह लीड कर रहे हैं। दिग्विजय सिंह ईवीएम के संबंध में विपक्षी पार्टियों के नेताओं के साथ कई दौर की बैठकें भी कर चुके हैं। दिग्विजय सिंह की अगुवाई में देश के प्रमुख विपक्षी दलों द्वारा निर्वाचन आयोग से मांग की जा रही है कि वीवीपैट की पर्ची से काउंटिंग की जाए।
देश में लोकतंत्र को बचाए – सुप्रीम कोर्ट:- दिग्विजय सिंह
सोमवार को पूर्व सीएम ने इस संबंध में ट्वीट करते हुए भी लिखा कि चुनाव आयोग से एक ही गुज़ारिश है कि वीवीपैट स्लिप हमें हाथ में दे दो जिसे हम अलग से मतपेटी में डाल दें। मतगणना के पहले किसी भी 10 मतपेटी के वोट गिन लो और काउंटिंग के नतीजों से मेल कर लो। यदि दोनों का नतीजा एक जैसा है तो काउंटिंग के नतीजों से रिजल्ट डिक्लेअर कर दो। इसमें चुनाव आयोग को क्या दिक़्क़त है? सुप्रीम कोर्ट से यही प्रार्थना है इसे गंभीरता से लें देश में लोकतंत्र को बचाइए।