Tensions arise between BJP and Congress in triangular.
दो दर्जन सीटों पर फसा पेंच, कहीं बागी भाजपा का खेल बिगाड़ रहे हैं तो कहीं कांग्रेस का.
उदित नारायण
भोपाल। मध्य प्रदेश की सभी 230 सीटों पर 17 नवंबर को मतदान होने के बाद 3 दिसंबर के परिणाम पर लोगों की नजरें टिकी हुई हैं। वैसे तो प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के बीच ही मुकाबला बताया जा रहा है, लेकिन इस बार बसपा, सपा के साथ ही बागी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। इससे कई सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। यह बागी कहीं भाजपा का खेल बिगाड़ रहे हैं तो कहीं कांग्रेस का। ऐसी करीब दो दर्जन सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी की धड़कनें बढ़ी हुई हैं तो वहीं, दोनों ही राजनीतिक दलों की टेंशन भी बढ़ गई है।
बीएसपी ने 181 और निर्दलीय 1166 प्रत्याशी मैदान में
बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने इस चुनाव में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ गठबंधन किया है। बीएसपी ने 181 और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने 37 प्रत्याशी उतारे हैं। इसके अलावा प्रदेश में समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, जन अधिकार पार्टी, जनता दल यूनाइटेड पार्टी चुनाव मैदान में है। 2018 के चुनाव में बीएसपी को 6.42 प्रतिशत वोट मिले थे और दो सीटों पर जीत हासिल की थी। पिछली बार भाजपा को 109 और कांग्रेस को 114 सीटों पर विजय मिली थी।
बागियों के कारण इन सीटों पर फसा पेंच
राजनगर :
छतरपुर जिले की राजनगर विधानसभा में भाजपा के जिला अध्यक्ष रहे डॉ. घासीराम पटेल बागी होकर बसपा से चुनावी मैदान हैं। उनके मैदान में आने से इस विधानसभा का चुनाव पूरी तरह से त्रिकोणीय हो गया है। भाजपा और कांग्रेस दोनों की मुश्िकल में फंसे हुए हैं। यहां अभी कांग्रेस के नाती राजा विधायक हैं।
टीकमगढ़ :
टीकमगढ़ विधानसभा शहरी क्षेत्र में है। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का हर चुनाव में यहां खासा असर दिखाई देता है। इस बार भाजपा के विधायक राकेश गिरी गोस्वामी को उन्हीं की पार्टी के पूर्व विधायक केके श्रीवास्तव बागी होकर कड़ी टक्कर दे रहे हैं।
नर्मदापुरम :
यहां पर भाजपा से बागी भगवती चौरे निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा प्रत्याशी सीताशरण शर्मा को इससे नुकसान हो सकता है। इस सीट पर कांग्रेस से सीताशरण शर्मा के भाई गिरजाशंकर शर्मा प्रत्याशी हैं। भगवती चौरे के निर्दलीय चुनाव लड़ने से इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय और दिलचस्प हो गया है।
सतना :
भाजपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष और भाजयुमो के दो बार सतना जिला अध्यक्ष रहे चुके रत्नाकर चतुर्वेदी शिवा बसपा से चुनाव मैदान में हैं। भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने बसपा की सदस्यता ले ली थी। यहां पर भाजपा ने चार बार के सांसद गणेश सिंह और कांग्रेस ने विधायक सिद्धार्थ कुशवाह मैदान में हैं।
बुरहानपुर :
भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष स्व. नंद कुमार सिंह चौहान के बेटे हर्षवर्धन सिंह चौहान निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। यहां पर भाजपा ने पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस को अपना प्रत्याशी बनाया है। वहीं, कांग्रेस की तरफ से विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा प्रत्याशी हैं।
सीधी :
भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर सीधी सीट पर विधायक केदारनाथ शुक्ला निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। इससे भाजपा प्रत्याशी रीति पाठक को नुकसान हो सकता है। यहां पर कांग्रेस की तरफ से ज्ञान सिंह प्रत्याशी हैं।
मुरैना :
भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह के बेटे राकेश सिंह बसपा से चुनाव लड़ रहे हैं। यहां पर भाजपा से रघुराज कंसाना और कांग्रेस से दिनेश गुर्जर प्रत्याशी हैं।
टीकमगढ़ :
भाजपा से पूर्व विधायक केके श्रीवास्तव टीकमगढ़ में निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। यहां पर भाजपा ने वर्तमान विधायक राकेश सिंह और कांग्रेस ने यादवेंद्र सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है।
भिंड :
बसपा से चुनाव जीत कर भाजपा में शामिल होने पर संजीव कुशवाह ने मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया है। भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर कुशवाह बसपा से चुनाव लड़ रहे हैं। यहां पर भाजपा से नरेंद्र सिंह कुशवाह और कांग्रेस से चौधरी राकेश चतुर्वेदी मैदान में हैं।
सुमावली :
कांग्रेस प्रत्याशी कुलदीप सिंह सिकरवार बसपा से चुनाव लड़ रहे हैं। यहां पर भाजपा से एंदल सिंह कंसाना और कांग्रेस से अजब सिंह कुशवाह को टिकट दिया है।
चाचौड़ा :
भाजपा से पूर्व विधायक ममता मीणा आम आदमी पार्टी से चुनाव लड़ रही हैं। यहां पर कांग्रेस से विधायक लक्ष्मण सिंह प्रत्याशी हैं। वहीं, भाजपा ने प्रियंका मीणा को प्रत्याशी बनाया है।
धार :
पूर्व जिला भाजपा अध्यक्ष राजीव यादव पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ बागी होकर चुनाव लड़ रहे हैं। यहां पर भाजपा ने विधायक नीना विक्रम वर्मा और कांग्रेस ने प्रभा गौतम को प्रत्याशी बनाया है।
डॉ. अंबेडकर महू :
कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर पूर्व विधायक अंतरसिंह दरबार महू से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। यहां पर कांग्रेस ने राम किशोर शुक्ला को प्रत्याशी बनाया है। जबकि भाजपा की तरफ से वर्तमान विधायक उषा ठाकुर हैं।
परसवाड़ा :
बालाघाट की परसवाड़ा सीट पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रत्याशी पूर्व विधायक कंकर मुंजारे के चुनाव लड़ने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। यहां पर भाजपा की तरफ से रामकिशोर कांवरे और कांग्रेस ने मधु भगत प्रत्याशी हैं।
सिरमौर :
सिरमौर विधानसभा सीट पर पूर्व डीएसपी वीडी पांडे ने मुकाबला त्रिकोणीय कर दिया है। यहां पर भाजपा से दिव्यराज सिंह और कांग्रेस से रामगरीब कोल प्रत्याशी हैं।
रैगांव :
बसपा प्रत्याशी देवराज अहिरवार ने रैगांव में मुकाबला रोचक कर दिया है। यहां पर कांग्रेस की तरफ से विधायक कल्पना वर्मा और भाजपा की तरफ से प्रतिमा बागरी प्रत्याशी है।
नागौद :
कांग्रेस से टिकट कटने पर यहां पर पूर्व विधायक यादवेंद्र सिंह बीएसपी से चुनाव लड़ रहे हैं। यहां पर कांग्रेस ने डॉ. रश्मि सिंह पटेल और भाजपा ने नागेंद्र सिंह को प्रत्याशी बनाया है।
देवतालाब :
यहां पर समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ रही सीमा जयवीर सेंगर से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। यहां पर भाजपा ने विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम और कांग्रेस ने पद्ममेश गौतम को टिकट दिया है। सीमा जयवीर सेंगर 2018 में बसपा से चुनाव लड़ कर दूसरे नंबर पर थी।