On the eighth day of the results, the state got a new Chief Minister, with the seal of approval on the name of Mohan Yadav.
- चार बार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ही रखा यादव के नाम का प्रस्ताव
- जगदीश देवड़ा और राजेश शुक्ला उपमुख्यमंत्र, केंद्रीय मंत्री रहे नरेंद्र सिंह तोमर होंगे स्पीकर
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी ने आठ दिन मंथन करने के बाद सबको चौंका दिया है।
बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में सोमवार को नवनिर्वाचित विधायकों ने नए मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव के नाम पर मोहर लगाई। यादव उज्जैन दक्षिण से विधायक हैं। इसके अलावा जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला उपमुख्यमंत्री होंगे। केंद्र में कृषि मंत्री रहे नरेंद्र सिंह तोमर स्पीकर होंगे। हालांकि उप मुख्यमंत्री और स्पीकर के नाम की आधिकारिक घोषणा अभी नहीं हुई है। विधायक दल की बैठक में पर्यवेक्षक मनोहर लाल खट्टर, डॉ. के. लक्ष्मण और आशा लकड़ा मौजूद रहे। सीएम शिवराज सिंह ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा, जिसका सभी विधायकों ने समर्थन किया। मोहन यादव को भरोसा नहीं हुआ तो पहले खड़े नहीं हुए। बाद में खड़े होकर हाथ जोड़े। मोहन यादव उज्जैन दक्षिण से विधायक हैं और ओबीसी वर्ग से आते हैं। जगदीश देवड़ा मंदसौर जिले के मल्हारगढ़ से विधायक हैं। देवड़ा एससी वर्ग से आते हैं। जबकि राजेन्द्र शुक्ला रीवा सीट से विधायक हैं और ब्राह्मण वर्ग से आते हैं।
आठ दिन की कवायत, 15 मिनट में तय हुआ सीएम
भाजपा प्रदेश कार्यालय पर शाम 4.11 बजे विधायक दल की बैठक शुरू हुई थी। मात्र 15 मिनट में नए मुख्यमंत्री बनाने की सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गई। प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने विधायक दल की बैठक की जानकारी दी। पर्यवेक्षक और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर ने 6 मिनट के भाषण में सिर्फ इतना कहा कि भाजपा एक अनुशासित पार्टी है। केंद्रीय नेतृत्व के फैसले को सभी को स्वीकार करना चाहिए। यह परंपरा है। जिसके बाद सीएम के नाम का ऐलान कर दिया गया।
शिवराज ने दिया इस्तीफा, मोहन ने पेश किया सरकार का प्रस्ताव
नए सीएम के नाम का ऐलान होने के बाद शिवराज सिंह चौहान राजभवन पहुंचे। जहां उन्होंने राज्यपाल मंगुभाई पटेल को सीएम पद से अपना इस्तीफा सौंपा। उनका इस्तीफा तत्काल मंजूर भी हो गया। शिवराज सिंह ने नए सीएम को बधाई भी दी। उन्होंने कहा मध्यप्रदेश को नया मुख्यमंत्री मिल गया है। उन्हें बहुत बहुत बधाई, उनका अभिनंदन। इधर कुछ देर बाद मोहन यादव राजभवन पहुंचे। यहां उन्होंने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। इस दौरान उनके साथ शिवराज सिंह चौहान, नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल और वीडी शर्मा मौजूद रहे। साथ ही तीनों पर्यवेक्षक मनोहर लाल कट्टर, डॉ के. लक्ष्मण और आशा लकड़ा भी साथ रहे।
विधायकों का फोटो सेशन हुआ, रेस में थे कई नाम
बीजेपी विधायक दल की बैठक से पहले सभी नवनिर्वाचित विधायकों का फोटो सेशन हुआ। जिसमें मोहन यादव आगे से तीसरी पंक्ति में बैठे थे। फोटो सेशन के बाद बैठक शुरू हुई। जिसमें सीएम के रूप में मोहन यादव के नाम का ऐलान हो गया। एमपी सीएम पद की रेस में कई दिग्गज नाम शामिल थे। जिसमें प्रह्लाद पटेल, नरेंद्र सिंह तोमर, वीडी शर्मा, ज्योतिरादित्य सिंधिया, कैलाश विजयवर्गीय जैसे कई नाम शामिल थे। जिसमें केंद्रीय मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बीजेपी ने सबको चौंकाते हुए मोहन यादव को नया मुख्यमंत्री बनाया है।
भाजपा का तंत्र ऐसा, छोटे से छोटे कार्यकर्ता को बड़ी जवाबदारी : यादव
नए सीएम मोहन यादव ने कहा कि भाजपा का तंत्र ही ऐसा है कि छोटे से छोटे कार्यकर्ता को बड़ी जवाबदारी मिलती है। हमारी ट्रेनिंग भी ऐसी होती है कि पार्टी जो काम दे दे उसको बहुत सहजता से लेते हैं। मैं तो पीछे की पंक्ति में बैठकर अपना काम कर रहा था। अचानक घोषणा हुई। मैं सबका आभार मानता हूं। विकास के काम को आगे बढ़ाना ही मेरी प्राथमिकता होगी। यादव ने कहा कि मैं पार्टी का एक छोटा सा कार्यकर्ता हूं। प्यार और सहयोग के लिए पार्टी की स्टेट लीडरशिप और केंद्रीय लीडरशिप का बहुत बहुत धन्यवाद। मैं अपनी जिम्मेदारी पूरी तरह से निभाऊंगा।
6 दिसंबर को रात 11 बजे 15 मिनट में तय हो गया था नाम
बताया जा रहा है कि यादव का मुख्यमंत्री के लिए नाम राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के नई दिल्ली स्थित निवास पर 6 दिसंबर को रात 11 बजे ही तय हो गया था। इस दौरान केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव भी वहां मौजूद थे। भूपेंद्र यादव ने ही डॉ. मोहन यादव की रिपोर्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को दी थी। इसके बाद तीन दौर की बैठक में डॉ. यादव का नाम तय किया गया। वे संघ के करीबी माने जाते हैं। बीजेपी ने ओबीसी चेहरे के तौर पर मोहन यादव को आगे किया है।
भाजपा के एक नेता ने बताया कि 6 दिसंबर को मोहन यादव सड़क मार्ग से भोपाल से उज्जैन जा रहे थे। शाम करीब 7 बजे जब वे आष्टा पहुंचे, तब उन्हें तत्काल दिल्ली आने के लिए गया। डॉ. यादव वापस भोपाल आए और रात 9 बजे की फ्लाइट से दिल्ली पहुंचे। उनकी नड्डा से केवल 15 मिनट की मुलाकात हुई। वे अगले दिन यानी 7 दिसंबर को सुबह भोपाल लौट आए। तब यह कयास लगाए जा रहे थे कि डॉ. यादव को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है।