Congress has formed more committees than BJP, distributing more than 500 positions.
- अध्यक्ष और संयोजक और कार्यकारी अध्यक्ष जैसे पदों पर थोकबंद नियुक्तियां, फिर भी हार
भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस के 40 से अधिक प्रकोष्ठ और बांटे गए 500 से अधिक पद भी विधानसभा चुनाव में कोई कमाल नहीं दिखा पाए।
विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने नए प्रकोष्ठों की झड़ी लगा दी थी कांग्रेस ने अपने पार्टी संविधान से अलग हटकर करीब 40 से अधिक प्रकोष्ठ बनाये हैं। चुनाव से पहले संगठन में नियुक्ति रेवड़ी की तरह बांटी गई। इतना ही नहीं इनमें अध्यक्ष, संयोजक और कार्यकारी अध्यक्ष जैसे पदों पर थोकबंद नियुक्तियां भी की गई थीं। लेकिन ये सभी प्रकोष्ठ चुनाव में कोई खास कमाल नहीं दिखा पाए।
खास बात है कि प्रकोष्ठ बनाने में कांग्रेस ने तो भाजपा को भी पीछे कर दिया। वहीं चुनाव से पहले कांग्रेस ने सचिव, महासचिव और उपाध्यक्ष जैसे 500 से अधिक पदाधिकारी भी बनाए थे लेकिन वे भी चुनाव में पूरी तरह से बेअसर साबित हुए। कांग्रेस ने हर वर्ग को साधने के लिए प्रकोष्ठ का सहारा लिया था। इसके लिए पार्टी ने पुजारी से लेकर मेकेनिक जेसे प्रकोष्ठ का गठन किया था। इसके साथ ही आउटसोर्स, शिक्षक, केश शिल्पी, डॉक्टर, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, सद्भावना कोमी एकता और परिवहन जेसे कई अन्य प्रकोष्ठ भी बनाए गए थे। कांग्रेस कार्यालय में लगातार अलग-अलग प्रकोष्ठ और विभागों के सम्मेलन भी किए थे। प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ खुद इन्हें संबोधित करते थे।
105 महासचिव, उपाध्यक्षों की संख्या 50
- जानकारी के अनुसार कांग्रेस में वर्तमान में 105 महासचिव हैं। जबकि उपाध्यक्षों की संख्या 50 है। वहीं सचिवों को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है। इसके साथ ही वेवसाइट पर 34 प्रकोष्ठ की जानकारी भी दी गई है। जबकि बताया जाता है कि कांग्रेस में इससे कहीं अधिक पदाधिकारी हैं। जिनकी नियुक्ति चुनाव के समय और उसके पहले की गई है। कांग्रेस में चार विभाग भी हैं। कांग्रेस में 64 जिला अध्यक्ष और 69 जिला प्रभारी भी हैं।