Audit of 53 department’s website and portal
- गृह विभाग 5 साल से अपडेट नहीं, जीएडी को अटैकर्स से खतरा और खनिज की साइड नहीं खुली
- वेबसाइटों पर सीएम और मंत्रियों की तस्वीर नहीं, एसीएस, पीएस और अफसरों ने खुद की ही फोटो चिपकाई
- डिजिटल इंडिया मिशन के तहत करोड़ों रुपए वेबसाइटों को बनाने पर हुए खर्च, फिर भी नहीं सुधरे हालात
भोपाल। सुशासन और डिजिटलाइजेशन के दावे की हकीकत है कि मध्य प्रदेश के 53 विभागों की वेबसाइट और पोर्टल अपडेट नहीं है। सरकारी बेवसाइट और पोर्टल के आडिट में यह अहम जानकारी सामने आई है। हैरत की बात है कि कुछ दिनों पहले गृह विभाग के तीन एडीजी अफसरों के साथ बैठक की थी। यह बैठक मुख्य रूप से सायबर सिक्योरिटी और आडिट के लिए बुलाई गई थी। सरकारी पोर्टल और बेवसाइड का सिक्योरिटी आडिट करना फैसला किया गया है। पड़ताल में जानकारी सामने आई है कि खुद गृह विभाग की बेवसाइट में कोई भी नई जनहित की जानकारी या सूचना अपलोड नहीं की गई है। गृह विभाग ने साल 2018 के बाद से कोई भी जानकारी साझा नहीं की है। इसके अलावा सीएम मोहन यादव की तस्वीर नहीं है। सिर्फ एसीएस, पीएस और सचिव की तस्वीरें ही हैं।
समान्य प्रशासन विभाग की बेवसाइट अटैकर्स के चलते बंद पड़ी हुई है। जबकि आम जन से ज्यादा अधिकारियों के जानकारी देने के लिए सरकार ने जीएडी की साइट को बनाया था। इधर, खनिज साधन विभाग की बेवसाइट खुली ही नहीं। जबकि इसी विभाग के कई पोर्टल चालू हैं लेकिन आधिकारिक बेवसाइट बंद है। वहीं सहकारिता विभाग की बेवसाइट पर सीएम और मंत्री की तस्वीर जरूर लगी है। साल जनवरी 2023 के बाद कोई भी सूचना नहीं अपलोड की गई है। नगरीय विकास और आवास विभाग की बेवसाइट काम फिलहाल जारी है। इसलिए कुछ दिनों के लिए बंद किया गया है।
हेल्थ में अभी भी सीएम शिवराज और मंत्री प्रभुराम
- स्वास्थ्य विभाग की बेवसाइट में अभी सीएम शिवराज सिंह चौहान की जानकारी है। इसके अलावा मंत्री भी प्रभुराम चौधरी हैं। जबकि सीएम मोहन यादव हैं और विभाग के मंत्री राजेंद्र शुक्ला है। दिसंबर 2023 के बाद भी कोई सूचना बेवसाइट पर नहीं है। नर्मदा घाटी विकास, सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन कल्याण विभाग की साइट बंद है। इसके अलावा खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का जिक्र नहीं है। इसी तरह पशुपालन विभाग की बेवसाइट पर मंत्री के तौर पर प्रेम सिंह पटेल का नाम है।
मत्स्य विभाग में तुलसी बरकरार
- मंत्री तुलसीराम सिलावट को पिछली सरकार में मत्स्य विभाग दिया गया था लेकिन इस बार सिर्फजल संसाधन विभाग ही दिया गया है। मत्स्य विभाग की जिम्मेदारी सीएम मोहन यादव ने मंत्री नारायण सिंह पंवार को दी है। फिर भी बेवसाइट पर सिलवाट का नाम है। जबकि मंत्री नारायण सिंह पंवार का नाम नदारत है। इधर, महिला बाल विकास विभाग में सीएम और मंत्री की फोटो लगाई गई है लेकिन सूचना या फिर जानकारी साल 2023 नवंबर से जारी नहीं की गई है।
टेक्निकल टीम पर लाखों खर्च, मेंटेनेंस पर सालाना करोड़ों
- सूत्रों ने बताया कि सरकार हर साल विभागों के डिजिटल मोड रखने के लिए टेक्निल टीम पर लाखों रुपए सैलरी पर खर्च करती है। इसके अलावा मेंटनेंस के नाम पर सालाना करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं। साफ्टवेयर और हार्डवेयर के साथ ही आपरेटिंग सिस्टम पर खर्च किए जाते हैं। फिर भी बेवसाइट और पोर्टल में जनता से जुड़ी जानकारी अपलोड नहीं की जा रही है। इसके अलावा उन्हें रियल टाइम पर अपडेट नहीं किया जाता है।