Registration will be done from February 5 to March 1 to sell wheat at support price in Madhya Pradesh.
सुविधा केंद्रों के अलावा आनलाइन भी होंगे पंजीयन, 15 मार्च से शुरू हो सकती है खरीदी।
कृषक पंजीयन से पूर्व ही सुनिश्चित कर लें जिससे फसल उपार्जन के समय कठिनाई का सामना न करना पड़े।
एमपी आनलाइन, सीएसससी, लोक सेवा केंद्र व निजी साइबर कैफे के माध्यम से भी सशुल्क पंजीयन करा सकते हैं।
गेहूं पंजीयन गिरदावरी में दर्ज फसल व रकबे व भू अभिलेख में दर्ज किसान के नाम के आधार पर होगा।
बाजार में नया गेहूं आना शुरु हो चुका है। इसके साथ ही मध्य प्रदेश सरकार भी समर्थन मूल्य पर किसानों से गेहूं खरीदी की तैयारी कर रही है। समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए किसानों को पंजीयन कराना होगा। इसके लिए पांच फरवरी से पंजीयन शुरू कर दिए जाएंगे, जो कि एक मार्च तक चलेंगे। इसके बाद 15 मार्च से खरीदी शुरू होने की संभावना है।
वर्ष 2023-24 समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन हेतु कृषक पंजीयन का कार्य ई-उपार्जन पोर्टल पर पांच फरवरी से एक मार्च तक होगा। किसान समिति/समूह स्तरीय पंजीयन केंद्र पर उपस्थित होकर किसान पंजीयन करा सकते हैं।
इसके अलावा पंजीयन केंद्र पर भीड़ से बचने के लिए कृषक स्वयं के मोबाइल से भी एमपी किसान एप से, ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत व तहसील सुविधा केंद्र में से किसी भी विकल्प से निःशुल्क अथवा अधिकृत एमपी आनलाइन, सीएसससी, लोक सेवा केंद्र व निजी साइबर कैफे के माध्यम से भी सशुल्क पंजीयन करा सकते हैं।
जिसके लिए अधिकतम शुल्क राशि 50 रुपये निर्धारित है। वन पट्टाधारी किसानों का पंजीयन निर्धारित समिति/समूह स्तरीय पंजीयन केंद्र पर ही होगा। गेहूं पंजीयन गिरदावरी में दर्ज फसल व रकबे व भू अभिलेख में दर्ज किसान के नाम के आधार पर होगा।
गिरादवरी की जानकारी एप से मिलान करें
पंजीयन से पूर्व किसान गिरदावरी की जानकारी एमपी किसान एप से मिलान कर लें, त्रुटि होने पर पंजीयन से पूर्व ही राजस्व विभाग से गिरदावरी में आवश्यक सुधार करा लें। सफल पंजीयन की जानकारी एसएमएस के माध्यम से प्राप्त होगी, जिसका प्रिंट भी निकाला जा सकता है। पंजीयन में इस वर्ष यह आवश्यक हैं कि कृषक का सही मोबाइल नंबर व बैंक खाते आधार कार्ड से लिंक रहे, यह कार्य सभी कृषक पंजीयन से पूर्व ही सुनिश्चित कर लें जिससे फसल उपार्जन के समय कठिनाई का सामना न करना पड़े। साथ ही अपने बैंक खाते को आधार से लिंक भी करा लें, जिससे भुगतान में कठिनाई न हो।
गेहूं बेचने में रुचि नहीं लेते किसान
उल्लेखनीय है कि पंजीयन कराने के बाद भी कई किसान समर्थन मूल्य पर अपनी उपज नीं बेचते हैं। इसका एक उदाहरण पिछले साल पंजीयन और खरीदी के आंकड़ों में ही देखने को मिलता है। बता दें पिछले साल जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए 26 हजार किसानों ने पंजीयन कराया था। हालांकि यह नहीं कहा जा सकता है कि पंजीयन कराने वाले कितने किसान सरकार को गेहूं बेचा। क्योंकि इसके पूर्व करीब 32 हजार किसानों ने पंजीयन कराया था और गेहूं लगभग 700 किसानों ने ही बेचा था। किसानों के अनुसार इसका एक कारण राशि नगद नहीं मिलना भी है।