Sensitivity is necessary in efforts for the upliftment of poor and backward communities: Governor Shri Patel
भोपाल ! राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों को मकान की डिजाईन और सामग्री की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने में सहयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आवास में प्रकाश, हवा और स्वच्छता की व्यवस्थाओं के लिए मार्गदर्शन भी दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा है कि योजना के तहत आवास निर्माण में सबसे गरीब परिवार को प्राथमिकता दी जाये। प्रथम किश्त प्राप्त करने वाले हितग्राहियों के आवास बरसात से पहले पूरे हो जाये, इसमें भी सहयोग किया जाना चाहिए।
राज्यपाल श्री पटेल पंचायत एवं ग्रामीण विकास, वन और जनजातीय कार्य विभाग के कार्यक्रमों और योजनाओं पर बैठक में चर्चा कर रहे थे। उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन राजभवन के सभाकक्ष में किया गया था।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि सभी योजनाओं और कार्यक्रमों का लक्ष्य समाज के वंचित और दूरस्थ अंचलों में रहने वाले गरीब और पिछड़े समुदायों का उत्थान है। इन वर्गों का योजनाओं के माध्यम से विकास हो, उनका जीवन बेहतर बने। इसी मंशा के साथ योजना का निर्माण व्यापक स्तर पर किया जाता है। योजना का लाभ हितग्राही को मिले यही उसका अंतिम लक्ष्य है। व्यवहारिक आवश्यकताओं, क्षेत्रीय विशिष्टताओं के अनुरूप प्रभावी क्रियान्वयन के लिये क्रियान्वयन अधिकारी की सोच का संवेदनशील और व्यवहारिक होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि यह समझना जरूरी है कि नियम, योजना के हितग्राही को लाभान्वित करने के लिए बनाये गये है, उनके हितों की अनदेखी करना किसी भी नियम की मंशा कभी नहीं हो सकती।
राज्यपाल श्री पटेल को बैठक में बताया गया कि पेसा नियम के क्रियान्वयन के संबंध में 20 जिलों में 11 हजार 595 ग्राम सभाओं के 13 हजार 753 फलियों, मजरों, टोलों एवं बसाहटों तक प्रशिक्षण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। प्रदेश के 18 चिन्हित जिलों के विशेष पिछड़ी जनजातीय क्षेत्रों में 198 वन-धन केन्द्रों की स्थापना के लक्ष्य की तुलना में 201 केन्द्रों की स्थापना का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा गया है। प्रदेश के 827 वनग्रामों में से 793 वन ग्रामों के संपरिवर्तन की प्रस्तावित अधिसूचना जिला स्तर पर जारी हो गई है। पिछले 10 वर्षों में जनजाति वर्ग के व्यक्तियों के विरुद्ध 14 हजार 256 पंजीबद्ध प्रकरणों में से 10 हजार 80 प्रकरण निराकृत किये गए है। न्यायालय में 1 हजार 932 विचाराधीन है। शेष प्रकरणों के निराकरण की कार्रवाई की जा रही है।
बैठक में जनजातीय कार्य मंत्री श्री कुंवर विजय शाह, पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल, वन, पर्यावरण और अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री श्री नागर सिंह चौहान, राज्य मंत्री वन, पर्यावरण श्री दिलीप अहिरवार, राज्य मंत्री पंचायत और ग्रामीण विकास श्रीमती राधा सिंह, अध्यक्ष जनजातीय प्रकोष्ठ श्री दीपक खांडेकर, अपर मुख्य सचिव वन श्री जे. एन. कांसोटिया, अपर मुख्य सचिव जनजातीय कार्य श्री एस. एन. मिश्रा, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्री मलय श्रीवास्तव और राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री डी. पी. आहूजा एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।