Panchavati Hanuman temple is losing its shine due to neglect
लोगों की धार्मिक आस्था का केंद्र रहा, पंचवटी हनुमान मंदिर अनदेखी के चलते खो रहा अपनी चमक
प्राचीन धरोवर सहेजने होने चाहिए प्रयास ।
हरिप्रसाद गोहे
आमला । बीते लंबे अरसे से आमला की पहचान बना रहा पंचवटी मन्दिर अनदेखी के चलते आंसू बहा रहा है । गौरतलब हो की कभी शहर का एक धार्मिक स्थल पंचवटी हनुमान मंदिर की सुंदरता लोगों के आकर्षण का केंद्र रहा करती थी।यहां की सुंदरता देखते ही बनती थी । लेकिन देख रेख के आभाव में यह धार्मिक स्थल अपनी चमक खोता नजर आ रहा है ।
ज्ञात हो कि राष्ट्रपति पुरुस्कार प्राप्त शिक्षक मोतीलाल पांडे जी द्वारा रामायण के पात्रों व हिन्दू देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को कड़ी मेहनत करके अपने हाथों से बनाया था, उनके अथक प्रयासों से आमला को एक भव्य स्थान मिला था आस्था व सुकून के पल बिताने के लिए यह बेहतर स्थल था, लेकिन जिम्मेदारो की लापरवाही के चलते ये स्थान अवस्था मे पहुँच गया । शोरगुल से दूर स्थित पंचवटी मन्दिर की तमाम प्रतिमाएं लोगो का ध्यान खिंचती है, जिनमे हनुमान जी की पर्वत उठाती मूर्ति, सुरसा के मुंह मे खड़े बजरंगबली, वनवास को जाते सियाराम-लक्ष्मण, शबरी के झूठे बेर खाते राम, बाली वध, लक्ष्मण रेखा एव शारदा माता के साथ अन्य आकर्षक व दिव्य मूर्तियां श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र रही है, पर अन्य व्यवस्थाओ के अभाव में मन्दिर में आगन्तुको की कमी होने लगी है।
अगर प्रशासन चुने हुए क्षेत्र के जन प्रतिनिधि थोड़ा सा प्रयास करें तो ये स्थान पुनः वही चमक दोबारा प्राप्त कर सकता है । लोगों की जन चर्चा अनुसार नगरपालिका अगर पंचवटी मंदिर को बढ़िया फेंसिंग कर कवर्ड करवा दे एवं लाइटिंग की पर्याप्त व्यवस्था, बैठने के लिए बेंच एवं बच्चो के लिए झूले व अन्य साधन की व्यवस्था करवा दी जाए, तो लोगो का यहां आना सार्थक हो जाएगा एवं उन्हें सुगम दर्शन के साथ सुकून से बैठने की जगह भी मिल जाएगी।
स्वर्गीय पांडे जी द्वारा जिस भाव से कड़ी मेहनत कर पंचवटी की रचना की गई थी वो भाव हाल के वर्षों में लुप्त हो गया एवं पंचवटी मंदिर शहर से कट सा गया, एक दौर था जब शहरवासी बाहर से आये अपने मेहमानों को यहां आकर्षक मूर्तियां दिखाने लाया करते थे, वे दिन वापस आ सके इसके लिए नगरपालिका को पहल करनी होगी, जरा सी पहल से शहर की ये अमूल्य धरोहर पुनः अपना सौंदर्य प्राप्त कर सकती है ।