Hamidia Superintendent’s instructions: Now cursive writing will not work, doctors will write names of medicines in capital letters.
भोपाल। अब डॉक्टरों की घसीटा राइटिंग से किसी मरीज को परेशान नहीं होना पड़ेगा। अब हमीदिया अस्पताल के डॉक्टरों को ओपीडी पर्चे पर दवाओं के नाम कैपिटल लेटर्स में ही लिखेंगे। यही नहीं जिन पर जो में घसीटा राइटिंग होगी उन्हें मान्य नहीं किया जाएगा। हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ सुमित टंडन ने इस संबंध में अस्पताल के सभी एचओडी को आदेश जारी कर इसे सख्ती से लागू कराने के निर्देश दिए हैं। पत्र में कहा गया है कि दवाओं के नाम स्पष्ट व बड़े अक्षरों में लिखें, जिससे मेडिकल स्टोर में कार्यरत फार्मासिस्ट व दूसरे कर्मचारियों को आसानी से दवा का नाम समझ सकें। बतादें कि मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया ने पहले भी दवाओं के नाम कैपिटल लेटर में लिखने का फरमान जारी किया था। हालांकि यह फरमान पूरी तरह लागू नहीं हुआ है।
ओपीडी पर्ची की होगी मॉनिटरिंग
डॉक्टरों की राइटिंग के कारण कई बार मेडिकल स्टोर में दवाओं के नाम पर कंफ्यूजन होता है। कई बार मरीजों को गलत दवा मिल जाती है। मरीजों को परेशानी से बचने के लिए कैपिटल लेटर में दवा का नाम लिखने को कहा है। यही नहीं चिकित्सक ऐसा कर रहे हैं या नहीं, इसकी मॉनिटरिंग भी की जाएगी। सभी विभागों की ओपीडी पर्ची की जांच की जाएगी, ताकि कैपिटल लेटर में लिखने को बढ़ावा दिया जा सके।
डॉक्टरों को लिखनी होगी जेनेरिक दवाएं
चिकित्सकों को मरीजों के लिए केवल जेनेरिक दवा लिखने का फरमान जारी किया गया है। मानिटरिंग में यह बात सामने आई कि डाक्टर मरीजों की परची में केवल 40 फीसदी जेनेरिक दवा लिख रहे हैं। बाकी ब्रांडेड दवाओं के नाम सामने आ रहे है। अस्पताल प्रबंधन ने सभी विभाग के चिकित्सकों को जेनेरिक दवा लिखने के निर्देश दिए हैं।
पहले भी जारी हो चुके ऐसे आदेश
9 दिसंबर 2014 को चिकित्सकों को घसीटामार लिखावट नहीं करने के लिए मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया ने निर्देश जारी किए थे। इसमें भी डाक्टरों से कैपिटल लेटर में दवा का नाम लिखने को कहा गया था। इसके बाद अप्रैल 2015 में एक बार फिर यही आदेश जारी किए गए। – 2 जनवरी 2021 – हमीदिया अस्पताल में इलाज कराने वाले मरीजों के पर्चे पर चिकित्सकों का नाम, मोबाइल नंबर और उनकी मुहर भी लगाने के आदेश जारी हुए थे।
इनका कहना
हमीदिया के सभी विभागों में एचओडी को जेनेरिक दवाएं और बड़े अक्षरों में लिखने के लिए निर्देश जारी किए हैं। इसके बाद हम इसे लेकर मॉनिटरिंग भी करेंगे। एमसीआई ने पूर्व में इसे लेकर निर्देश दे चुकी है। लेकिन पालन नहीं किया जाता था।डॉ सुमित टंडन, अधीक्षक, हमीदिया अस्पताल