Bhopal will be very hot at the end of May: Temperature will reach 43°
भोपाल। मई के महीने में भोपाल में भीषण गर्मी पड़ने का ट्रेंड है। 10 में से 8 साल टेम्प्रेचर 44 डिग्री के पार पहुंच चुका है। साल 2016 में यह रिकॉर्ड 46.7 डिग्री रहा था। हालांकि, इस बार अब तक गर्मी के तेवर थोड़े नरम रहे हैं, लेकिन रविवार को पारा 43 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। मौसम विभाग ने 20 मई से तेज गर्मी पड़ने का अलर्ट जारी किया है। 25 मई से नौतपा की शुरुआत भी हो रही है। इसके चलते भी गर्मी और लू का असर रहेगा।
वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ), साइक्लोनिक सर्कुलेशन और ट्रफ लाइन गुजरने की वजह से मध्य प्रदेश के साथ भोपाल में भी मई महीने में आंधी, बारिश-ओले का दौर चला। इस वजह से दिन का टेम्प्रेचर ज्यादा नहीं बढ़ा। 7 मई को टेम्प्रेचर 42.4 डिग्री पहुंचा था। इसके बाद 19 मई, रविवार को पारा 43 डिग्री पर आ गया। एक ही दिन में डिग्री की बढ़ोतरी हुई। इस महीने 4 बार पारा 41 डिग्री पार रहा।
10 दिन में टेम्प्रेचर में उतार-चढ़ाव
मौसम विभाग के अनुसार, पिछले 10 दिन में भोपाल में दिन के तापमान में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। 10मई को पारा 41.5 डिग्री दर्ज किया गया था, जबकि 19 मई को यह 43 डिग्री दर्ज किया गया। इधर, रात के तापमान में भी बढ़ोतरी हुई। 13-14 मई की रात में न्यूनतम तापमान 22.8 डिग्री रहा था, जो पिछली 3 रातों से 28.8 डिग्री चल रहा है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अब दिन-रात दोनों ही तापमान में बढ़ोतरी होगी। दिन में लू का असर भी चलेगा। रात में भी गर्म हवाएं चल सकती है।
अगले 4 दिन भोपाल में ऐसा रहेगा मौसम
20 मई: दिन-रात गर्मी का असर देखने को मिलेगा। बादल भी रहेंगे। दिन का टेम्प्रेचर 42 से 43 डिग्री के आसपास रहेगा।
21 मई: दिन के टेम्प्रेचर में 1 डिग्री की बढ़ोतरी हो सकती है। मौसम विभाग ने पारा 43 डिग्री तक जा सकता है।
22 मई: दिन में 43 से 44 और रात में पारा 30 से 31 डिग्री तक पहुंच सकता है। 23 मई: गर्मी का असर रहेगा।
टेम्प्रेचर 41 से 43 डिग्री तक पहुंच सकता है।10 साल में 5 बार पारा 45-46 डिग्री के पार रहा वर्ष 2014 से 2023 तक 10 साल के आंकड़ों पर नजर डाले तो एक बार टेम्प्रेचर रिकॉर्ड 46.7 डिग्री तक पहुंच गया था। वहीं, 4 बार पारा 45 डिग्री या इससे अधिक रहा। सबसे ज्यादा गर्मी वर्ष 2015, 2016, 2017, 2018 और 2022 में पड़ी थी। बाकी सालों में टेम्प्रेचर 45 डिग्री से नीचे ही रहा।