कर्नाटक, महाराष्ट्र, अरुणाचल, असम और मेघालय में मॉनसून की एंट्री कई स्थानों पर अति भारी बारिश का अलर्ट जारी

नई दिल्ली

देश के उत्तरी राज्यों में प्रचंड गर्मी का कहर जारी है. मौसम विभाग की मानें तो आज यानी 10 जून से 13 जून तक पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, ओडिशा, बिहार और झारखंड के अलग-अलग स्थानों पर लू का दौर जारी रहने की आशंका है. वहीं कर्नाटक, महाराष्ट्र, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय में मॉनसून की एंट्री हो चुकी है और इन स्थानों पर अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है.

दिल्ली का मौसम
दिल्ली में मौसम विभाग ने 10 से 13 जून तक हीटवेव का अलर्ट जारी किया है. इस दौरान तेज हवाओं का दौर जारी रहेगा. इस हफ्ते दिल्लीवासियों को चिलचिलाती गर्मी और लू का सामना करना पड़ सकता है.

IMD के मुताबिक, इस पूरे हफ्ते दिल्ली का अधिकतम तापमान 44 से 45 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है और न्यूनतम तापमान 28 से 31 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है.

IMD का अनुमान

देश के मौसम का हाल

मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के अनुसार, अगले 24 घंटों के दौरान, दक्षिण कोंकण गोवा, दक्षिण मध्य महाराष्ट्र और तटीय कर्नाटक में मध्यम से भारी बारिश के साथ कुछ स्थानों पर बहुत भारी बारिश हो सकती है. वहीं तेलंगाना, मराठवाड़ा, उत्तरी कोंकण और गोवा, उत्तरी मध्य महाराष्ट्र, केरल और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है.

इसके अलावा सिक्किम, पूर्वोत्तर भारत, लक्षद्वीप, दक्षिण-पश्चिम मध्य प्रदेश और विदर्भ के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश संभव है. ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, दक्षिण गुजरात, मध्य प्रदेश और पश्चिमी हिमालय में हल्की बारिश हो सकती है. वहीं मध्य प्रदेश, झारखंड, बिहार, गंगीय पश्चिम बंगाल, ओडिशा, पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों में लू की स्थिति संभव है. पूर्वी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में लू से लेकर भीषण लू की स्थिति संभव है.

देश की मौसमी गतिविधियां

मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के अनुसार, मध्य क्षोभमंडलीय पश्चिमी हवाओं में एक गर्त के रूप में पश्चिमी विक्षोभ, जिसकी पहुँच औसत समुद्र तल से 5.8 किलोमीटर ऊपर है, अब लगभग 70 डिग्री पूर्व देशांतर के साथ अक्षांश 28 डिग्री उत्तर के उत्तर में चल रहा है. वहीं उत्तर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में औसत समुद्र तल से 1.5 किलोमीटर ऊपर चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है.

इसके अलावा उत्तर पश्चिमी मध्य प्रदेश में एक और चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है. असम के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है. पूर्वी बिहार के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है. सौराष्ट्र और उससे जुड़े क्षेत्रों पर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है. महाराष्ट्र से उत्तरी केरल तक एक अपतटीय गर्त बना हुआ है. कतरनी क्षेत्र औसत समुद्र तल से 3.1 और 7.6 किलोमीटर ऊपर लगभग 16 डिग्री उत्तर अक्षांश के साथ चल रहा है.

 

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