नई दिल्ली
हरियाणा का एक शख्स एक ऐप के जरिए मंडोली के एक युवक से जुड़ा। दोनों के बीच दोस्ती हुई। लड़के ने फिजिकल रिलेशन के लिए शख्स को यमुनापार बुला लिया। मंडोली के एक मकान में दोनों कंप्रोमाइज पोजिशन में आए। इसी दौरान चार-पांच लड़के आ धमके, जिन्होंने न्यूड विडियो बना ली। इसके बाद बंधक बना जबरन फोन लूट लिया। पीड़ित के तीन बैंक खातों से 2.25 लाख रुपये ट्रांसफर कर लिए। पीड़ित ने गुड़गांव से लेकर दिल्ली के कई थानों में गुहार लगाई। आखिरकार गोकुलपुरी थाने में केस दर्ज हुआ। पुलिस ने बैंक खातों और फोन नंबरों को खंगालने के बाद 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि 48 साल का युवक कंपनी सेक्रेटरी है, जो हरियाणा में रहता है। टिंडर ऐप के जरिए रोहित नाम के युवक से मिला। दोनों के बीच एक हफ्ते तक बातचीत हुई। आखिरकार 26 अप्रैल की शाम को गोकुलपुरी मेट्रो स्टेशन के पास मिलने का फैसला हुआ। रोहित पीड़ित को मंडोली जेल के पास एक मकान में ले गया। दोनों न्यूड थे, तभी चार-पांच लड़के भीतर घुस गए। वो पीड़ित से गाली-गलौज और मारपीट करने लगे। पीड़ित को बुरी तरह से पीटा। पर्स और फोन लूट लिए। शाम 7:00 बजे से 10:30 बजे तक बंधक बनाए रखा। इस दौरान पीड़ित और उनकी मां के बैंक खाते से 2 लाख 25 हजार रुपये ट्रांसफर कर लिए।
2 लाख 25 हजार का लगा चूना
पीड़ित को उनका सामान देकर छोड़ दिया गया, जो रात 12:30 बजे अपने घर पहुंचे। फोन चेक किया तो रकम ट्रांसफर होने का पता चला। पीड़ित ने बैंक को कॉल कर तुरंत अकाउंट ब्लॉक करवाए। पीड़ित अगले दिन गुड़गांव पुलिस स्टेशन पहुंचे। फिर दिल्ली के दयालपुर, नंद नगरी और हर्ष विहार थाने के चक्कर काटे। आखिर में गोकुलपुरी पुलिस ने कंप्लेंट ले ली। एसएचओ प्रवीन कुमार और इंस्पेक्टर उमेद सिंह की देखरेख में एसआई नंदन सिंह, हेड कॉन्स्टेबल रोहित और सिपाही हितेश की टीम ने जांच शुरू की। पुलिस ने बैंक अकाउंट और फोन नंबरों को खंगाला। लोनी के बेहटा हाजीपुर निवासी आरोपी भरत उर्फ रोहित (21) को पकड़ा गया।
दो साल से चला रहे थे 'धंधा'
पुलिस जांच में पता चला कि सबोली का आकाश चौहान (25) इस गिरोह का सरगना है। इस पर कातिलाना हमले के तीन केस हैं। यही गैंग के मेंबरों में पैसे का बंटवारा करता था। अन्य आरोपियों की पहचान सबोली के रितेश पाल (22), अर्जुन (24), नितिन उर्फ मच्छर (20), बेहटा हाजीपुर के अमित विहार का सूरज कश्यप (19) के तौर पर हुई। इनसे 1.92 लाख और पांच फोन रिकवर हुए हैं। गैंग दो साल से ऑपरेट हो रहा था, जिसके चंगुल में 40 से ज्यादा पीड़ित फंस चुके हैं। पीड़ित शर्म से पुलिस रिपोर्ट नहीं करते थे।