पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को सुधारना प्राथमिकता: एस जयशंकर

नई दिल्ली
बतौर विदेश मंत्री अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत करते हुए एस जयशंकर ने कहा है कि भारत के लिए पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों को मजबूत बनाना एक अहम प्राथमिकता होगी। इस संदर्भ में उन्होंने दो पड़ोसी देशों चीन और पाकिस्तान को भी संदेश दिया है कि इन देशों के साथ रिश्तों को सामान्य बनाने की राह में जो समस्याएं हैं उनका समाधान निकालना होगा।

राष्ट्रपति मुइज्जू से हुई है हमारी बातचीतः जयशंकर
भारत विरोधी सरकार वाले देश मालदीव के संदर्भ में जयशंकर ने कहा है कि हाल ही में उनकी राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से हुई है और उनसे जो बातें हुई हैं उसके आधार पर ही द्विपक्षीय रिश्तों को आगे बढ़ाया जाएगा। जयशंकर ने यह भी स्पष्ट किया कि विकासशील व गरीब देशों के मुद्दे को वैश्विक मंचों पर उठाने का काम भारत जारी रखेगा।

पाकिस्तान और आतंकवाद पर क्या बोले विदेश मंत्री?
एस जयशंकर ने रविवार (09 जून, 2024) को पीएम नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में गठित नई सरकार में पद व गोपनीयता की शपथ ली और मंगलवार (11 जून) को साउथ ब्लाक स्थित विदेश मंत्रालय के कार्यालय पहुंच कर अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत की। इस दौरान मीडिया के साथ एक संक्षिप्त वार्ता में उन्होंने पहले पाकिस्तान के बारे में कहा कि, 'सीमा पार आतंकवाद हमारे लिए काफी संवेदनशील है। एक अच्छे पड़ोसी के लिए सीमा पार आतंकवाद एक अच्छी नीति नहीं हो सकती।'

पीएम मोदी ने पाकिस्तान को दिया था साफ शब्दों में संदेश
जाहिर है कि एक दिन पहले पाकिस्तान के पूर्व पीएम और सत्तारूढ़ पार्टी पीएमएल (एन) के मुखिया नवाज शरीफ की तरफ से आये बधाई संदेश का जवाब भी पीएम नरेन्द्र मोदी ने कुछ इसी अंदाज में दिया था। मोदी ने शरीफ को धन्यवाद कहते हुए कहा है कि, “ भारत के लोग हमेशा शांति, सुरक्षा और प्रगतिशील विचारों के लिए खड़े रहे हैं। हमारे लोगों की भलाई और सुरक्षा को आगे बढ़ाना हमेशा हमारी प्राथमिकता रहेगी।''

चीन पर क्या बोले जयशंकर?
इसी तरह से चीन के संदर्भ में जयशंकर ने कहा कि, चीन के साथ रिश्तों में हम अभी सीमा को लेकर उपजी समस्याओं का समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं। सनद रहे कि अप्रैल-मई, 2020 से ही भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख के वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) में तनाव की स्थिति है। दोनों तरफ से सैन्य स्तर व कूटनीतिक स्तर पर वार्ताओं का दौर चल रहा है, लेकिन अभी तक समस्या का समाधान नहीं निकल पाया है।

शी चिनफिंग का नहीं आया कोई संदेश
 भारत व चीन के रिश्तों में यह बहुत ही बड़ी अड़चन है जिसको दूर करना जयशंकर के इस कार्यकाल में भी एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। मालूम हो कि चीन के विदेश मंत्रालय और नई दिल्ली स्थित उसके राजदूत ने पीएम मोदी को तीसरे कार्यकाल की शुरुआत करने के लिए बधाई तो दी है लेकिन राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने अभी तक बधाई संदेश नहीं दिया है।

admin

Related Posts

वन नेशन वन इलेक्शन बिल को क्षेत्रीय दलों को कमजोर करने की साजिश करार दिया: मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला

जोधपुर जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने वन नेशन वन इलेक्शन बिल को क्षेत्रीय दलों को कमजोर करने की साजिश करार दिया है। जीएसटी काउंसिल में हिस्सा लेने राजस्थान…

स्वामी रामभद्राचार्य ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए, वहां मंदिर होने के प्रमाण मिले हैं, हम इसे लेकर रहेंगे

मुंबई जगत गुरु स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने रविवार को बातचीत करते हुए कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने उत्तर प्रदेश के संभल जिले में चल रहे विवाद,…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

धर्म

23 दिसंबर से 3 राशियों को होगा लाभ ही लाभ

23 दिसंबर से 3 राशियों को होगा लाभ ही लाभ

22 दिसंबर से 3 राशियों को होगा लाभ ही लाभ

22 दिसंबर से 3 राशियों को होगा लाभ ही लाभ

सोमवती अमावस्या पर दीपक जलाने से मिलेगी मां लक्ष्मी की कृपा

सोमवती अमावस्या पर दीपक जलाने से मिलेगी मां लक्ष्मी की कृपा

प्रयागराज महाकुंंभ में मौनी अमावस्या पर होगा सबसे बड़ा स्नान, जानें इसका महत्व

प्रयागराज महाकुंंभ में मौनी अमावस्या पर होगा सबसे बड़ा स्नान, जानें इसका महत्व

महाकुंभ का सबसे बड़ा स्नान मौनी अमावस्या पर होगा

महाकुंभ का सबसे बड़ा स्नान मौनी अमावस्या पर होगा

20 दिसम्बर शुक्रवार को इन राशियों में दिखेगा लाभ

20 दिसम्बर शुक्रवार को इन राशियों में दिखेगा लाभ