उज्जैन
धर्मधानी उज्जैन में सिंहस्थ महापर्व से पहले प्रमुख मंदिरों में निर्माण व सुंदरीकरण के काम होंगे। उज्जैन विकास प्राधिकरण ने मंगलनाथ मंदिर के लिए सिंहस्थ मद से 20 करोड़ रुपये की योजना तैयार की है। इसके अलावा कालभैरव, भर्तृहरि गुफा, सिद्धवट, गढ़कालिका आदि प्रमुख मंदिरों के लिए भी योजना बनाई जा रही है। इन मंदिरों में स्मार्ट सिटी, नगर निगम तथा ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा विकास व सुंदरीकरण के काम कराए जाएंगे।
ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में श्री महाकाल महालोक का पहला चरण पूरा हो गया, वहीं दूसरे चरण के कार्य भी चल रहा है। मगर शहर के दूसरे मंदिरों के लिए बनी योजना पूरी तरह धरातल पर नहीं उतर पाई है। कई मंदिरों में काम तो शुरू हुए, लेकिन वे पूरे नहीं हो पाए हैं।
लेकिन अब मंदिरों के लिए फिर से योजना बनाई जा रही है। मंगलनाथ मंदिर के लिए उज्जैन विकास प्राधिकरण ने 20 करोड़ रुपये की डीपीआर तैयार की है। इसके तहत मंदिर में विशाल पार्किंग, वेटिंग हाल, फसाड लाइटिंग सहित श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अन्य काम होंगे।
कालभैरव मंदिर
कालभैरव मंदिर में दर्शनार्थियों की संख्या सबसे अधिक रहती है। यहां श्रद्धालुओं की सुविधा के बिल्कुल भी इंतजाम नहीं है। मंदिर परिसर का पिछला हिस्सा उजाड़ स्थिति में है। दर्शनार्थी अगर कुछ देर बैठना भी चाहें, तो यहा स्थान उपलब्ध नहीं है।
मंदिर प्रबंधक संध्या मारकण्डेय ने बताया श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए निर्माण कार्यों की शुरुआत होना है। नया फ्लोरिंग तथा वेटिंग हाल आदि का निर्माण किया जाएगा। खाकचौक स्थित गयाकोठा तीर्थ का निर्माण अधूरा पड़ा है। करीब तीन साल पहले यहां निर्माण कार्य की शुरुआत हुई थी। लेकिन फंड की कमी के चलते बीच में ही का काम ठप हो गया।
मंगलनाथ के लिए 20 करोड़ की डीपीआर तैयार
मंगलनाथ मंदिर में निर्माण कार्य के लिए 20 करोड़ रुपये की डीपीआर तैयार की गई है। सिंहस्थ मद से मंदिर में विशाल पार्किंग, फैसिलिटी सेंटर सहित अन्य काम होना है। – संदीप कुमार सोनी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, उज्जैन विकास प्राधिकरण