पड़ोसी देश पाकिस्तान में गधों की संख्या बढ़ गई, अर्थव्यवस्था फिसड्डी पर बढ़ रहे डंकी

इस्लामाबाद
पड़ोसी देश पाकिस्तान में गधों की संख्या बढ़ गई है। पाकिस्तान में पशुधन पर जारी नवीनतम आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस साल गधों की संख्या 1.72 प्रतिशत बढ़कर 59 लाख हो गई है। पाकिस्तान में जारी आर्थिक सर्वेक्षण 23-24 में बताया गया कि देश में बोझा ढ़ोने वाले जानवरों की संख्या में बढ्ढोतरी हुई है। आंकड़ों में बताया गया कि पिछले 5 सालों से गधों की संख्या में एक से ड़ेढ लाख का इजाफा होता है। पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब द्वारा जारी किए गए इस सर्वेक्षण में अन्य पशुधन का भी ब्यौरा दिया गया है। पशुपालन पाकिस्तान की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। 80 लाख से अधिक ग्रामीण परिवार पशुधन उत्पादन में लगे हुए हैं।

पाकिस्तान में क्यों है गधों की इतनी मांग
पाकिस्तान दुनिया में गधों की तीसरी सबसे बड़ी आबादी वाला देश है, देश की अर्थव्यवस्था में गधों की बहुत बढ़ी भूमिका है। पाकिस्तान में गधों का उपयोग ग्रामीण स्तर पर बहुत बड़ी संख्या में किया जाता है। इसके साथ ही चीन में इनका निर्यात भी किया जाता है। पड़ोसी देश चीन में पाकिस्तानी गधों की बहुत मांग है। पाकिस्तान हर साल चीन को 5 से 7 लाख तक गधों का निर्यात करता हैं, जो देश की अर्थव्यवस्था को सहारा देता है। पाकिस्तान ने चीन को जारी इस निर्यात को बढ़ाने को लिए पंजाब प्रांत के ओकारा जिले में एक फार्म भी स्थापित किया है जिसमें गधों की देखभाल की जाती है।

पाकिस्तानी गधों की चीन में मांग क्यों
गधों की सबसे बड़ी आबादी चीन में है, इसके बाद भी वह पाकिस्तान से गधों का आयात करता है। दरअसल चीन में गधों की खाल की डिमांड बहुत ज्यादा है। गधों की खाल में जिलेटिन प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है। जिलेटिन प्रोटीन का उपयोग शक्तिवर्धक दवाईयों को बनाने में किया जाता है। चीन में गधों की संख्या 90 लाख से ज्यादा है, लेकिन डिमांड के ज्यादा होने से यहां पाकिस्तान से भी गधों का आयात किया जाता है। चीन पहले नाइजर और बुर्किना फासो से गधों का आयात करता था, लेकिन इन दोनों ही देशों ने गधों के निर्यात पर रोक लगा दी, जिसके बाद चीन पाकिस्तान से गधों का आयात करता है।

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