जयपुर.
राजस्थान की उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री दिया कुमारी अपने विभाग के बजट मीटिंग्स पोस्टर्स से भी गायब हो गई हैं। पहले प्री-बजट मीटिंग्स के जो आदेश निकले थे, उनमें वित्त मंत्री का नाम नहीं था। अब सचिवालय में प्री-बजट मीटिंग्स को लेकर जो पोस्टर लगाए गए हैं, उनमें भी दिया कुमारी को जगह नहीं दी गई।
राजस्थान में मंत्रियों की हैसियत को लेकर अब सियासी गलियारों में सवाल खड़े होने लगे हैं। नेता, विधायक और मंत्री तक चिल्ला रहे हैं कि अफसर उन्हें लाइन में लगा रहे हैं। यहां तक कि राजस्थान की डिप्टी सीएम दिया कुमारी को उनके वित्त विभाग की मीटिंग्स के पोस्टर्स से भी गायब कर दिया गया है। यह सिर्फ इकलौत मामला नहीं है। ऐसे कई मामले राजस्थान की सियासत में अब आम हो चुके हैं, जिनसे विपक्ष को बैठे-बिठाए मुद्दे मिल रहे हैं। हालांकि पिछली कांग्रेस सरकार में बीजेपी सरकार पर यही आरोप लगा रही थी कि अफसरशाही हावी है और सीएमओ के स्तर पर पॉवर सेंट्रलाइजेशन है लेकिन अब यही आरोप बीजेपी सरकार पर भी खुलकर लगने लगे हैं। बीजेपी में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के करीबी माने जाने वाले नेता देवीसिंह भाटी ने कल एक बयान देकर सीएम भजनलाल शर्मा की सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया था। भाटी ने कहा कि मुख्य सचिव सुधांश पंत अपने कमरे के आगे विधायकों की लाइन लगवा देते हैं।
आउटडोर मीडिया के नियम में सिर्फ सीएम
हालांकि आउटडोर मीडिया के लिए यह नियम बनाया हुआ है कि इसमें सिर्फ सीएम और पीएम की ही तस्वीर आ सकती है लेकिन ये पोस्टर्स तो सचिवालय के अंदर ही लगाए गए हैं। वहीं पिछली कांग्रेस सरकार में सरकारी योजनाओं पर मंत्रियों के तस्वीरें भी लगाई जाती रही हैं।