मुजफ्फरपुर
सीतामढ़ी से जेडीयू सांसद देवेश चंद्र ठाकुर के यादव-मुसलमान वाले बयान पर अब बेगूसराय से सांसद और केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने समर्थन करते हुए कहा कि मैं भी पीड़ा महसूस कर रहा हूं। और मैं भी धोखेबाज लोगों का काम करने के पक्ष में नहीं हूं। दरअसल सीतामढ़ी में आभार सभा को संबोधित करते हुए देवेश ठाकुर ने कहा था कि उन्होने यादव और मुसलमान के बहुत सारे काम किए लेकिन इन लोगों ने उन्हें वोट नहीं दिया। अगर ये मेरे पास आएंगे तो उनका स्वागत है, उनको चाय-मिठाई तो दूंगा लेकिन उनके काम नहीं करूंगा।
वहीं इस मामले पर गिरिराज सिंह ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार जब योजना देने में किसी से भेदभाव नहीं करती। वहीं, लोग भी योजनाओं का लाभ लेते समय भेदभाव नहीं करते हैं तो उन्हें वोट देने में भी अपनी संकीर्ण मानसिकता को छोड़ना चाहिए। गिरिराज ने कहा कि देश को तोड़ने की साजिश हो रही है। कट्टरपंथी मिशन मोड में काम कर रहे हैं। उन्हें देश के विकास से कुछ लेना देना नहीं है। ये लोग इस्लामिक स्टेट के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं। लोस चुनाव के परिणाम से कई बातें साफ हो गई हैं।
हिंदू समाज को एकजुट होकर अपने अस्तत्वि को बचाने के लिए आगे आना होगा। उन्होंने सीतामढ़ी के जदयू सांसद देवेशचंद्र ठाकुर के बयान को सही बताते हुए कहा कि उनका दर्द जुबान पर आ गया है। कुछ दिन में कई लोगों की पीड़ा सामने आने वाली है। माई समीकरण की चर्चा करते हुए कहा कि यादव तो भटक गए हैं। उनको कुछ दिन बाद पता चलेगा कि किस गठजोड़ का साथ दे रहे हैं। गिरिराज ने कहा, जहां तक मुस्लिम समाज का सवाल है तो मैं भी इनका काम करने के पक्ष में नहीं हूं। एनडीए सरकार किसी से भेदभाव नहीं करती है।
उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण कानून के सवाल पर कहा कि यह देश की मांग है। इसके लिए वह लगातार आवाज उठाते रहे हैं। राजद, कांग्रेस व कम्युनस्टि पार्टी की नीयत पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि वे जनता को भ्रमित करने का काम कर रहे हैं। संविधान बदलने व आरक्षण जैसे मामले चुनाव में उठाकर वोट ठगने का काम किया है। मंत्री ने कहा कि जल्द ही वे किशनगंज से सनातन हिंदू जागरण यात्रा निकालने जा रहे हैं। मौके पर प्रवीण चंद्र किशोर, शांति स्वरूप शर्मा, मनीष कुमार, डॉ. अशोक शर्मा, पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष अरविंद कुमार, शंभू कुमार, अधिवक्ता राजीव कुमार आदि थे। ये बातें गिरिराज सिंह ने भाजपा नेता देवांशु किशोर के घर मंगलवार को आयोजित एक कार्यक्रम में कहीं।