नई दिल्ली
देश की सबसे लोकप्रिय ट्रेन वंदे भारत के चाहने वाले हजारों हैं। वंदे भारत के फैंस चाहते हैं कि यह ट्रेन उनके शहर से होकर गुजरे ताकी उन्हें वंदे भारत की सेवा का अनुभव प्राप्त हो सके। कई रूटों पर इस ट्रेन के परिचालन की डिमांड की जा रही है। इन रूटों में एर्नाकुलम-बेंगलुरु कॉरिडोर भी शामिल हैं। केरल में तीसरी वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत में हो रही देरी से एर्नाकुलम-बेंगलुरु कॉरिडोर के यात्रियों में नाराजगी बढ़ रही है। अप्रैल में राज्य में आया आठ कोचों वाला रेक कोल्लम में खड़ा पाया जा रहा है। ऐसा बताया गया था कि इस रेक को कॉरिडोर में चलाने का प्लान था।
रिपोर्ट के मुताबिक, इस कॉरिडोर में पर्याप्त ट्रेनों की कमी के कारण यात्री इंटर-स्टेट लग्जरी बसों पर निर्भर हो रहे हैं, जिससे हाईवे पर ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। लोग चाहते हैं कि एर्नाकुलम-बेंगलुरु कॉरिडोर में जल्द से जल्द वंदे भारत को शुरू किया जाए जिससे लोगों को महंगी फ्लाइट और बसों के चक्कर से छुटकारा मिल जाए। रेलवे सूत्रों के अनुसार, रेलवे बोर्ड से अब तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि एर्नाकुलम-बेंगलुरु मार्ग पर वंदे भारत एक्सप्रेस कब चलाया जाएगा। मगर आशा है कि लोगों की भारी डिमांड की रेलवे जल्द सुनवाई करेगा। बात करें बेंगलुरु से अलग रूट की तो जल्द ही बेंगलुरु से मदुरै के बीच वंदे भारत ट्रेन चलाई जाएगी। दक्षिण रेलवे ने हाल ही में इस रूट पर वंदे भारत की सेवा के ऐलान के बाद इसका सफल ट्रायल भी किया था। इस सेवा की शुरुआत 20 जून को होनी थी मगर 17 जून को पश्चिम बंगाल में हुए रेल हादसे के बाद इसे टाल दिया गया। ऐसा बताया जा रहा है कि अब जुलाई में बेंगलुरु से मदुरै के बीच वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत की जाएगी, हालांकि इस बारे में अभी आधिकारिक ऐलान होना बाकी है।
क्या होगा रूट और टाइम टेबल
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो वंदे भारत एक्सप्रेस मदुरै रेलवे स्टेशन से सुबह 5.15 बजे चलेगी और फिर दोपहर 1.15 बजे बेंगलुरु पहुंच जाएगी। इसके बाद वापसी के समय वंदे भारत बेंगलुरु रेलवे स्टेशन से दोपहर 1.45 पर चलेगी और फिर शाम पांच बजे सलेम स्टेशन पहुंचेगी। रात 8.20 बजे त्रिची और फिर रात 10.25 बजे मदुरै रेलवे स्टेशन पहुंच जाएगी। बेंगलुरु-मदुरै वंदे भारत ट्रेन भी अन्य वंदे भारत की तरह आठ कोच वाली हो सकती है। इसमें भी चेयर कार और एग्जीक्यूटिव चेयर कार दो तरह के कोच होंगे और दोनों के अलग-अलग किराए होंगे। हालांकि, यदि यात्रियों की मांग और बढ़ती है तो इन वंदे भारत ट्रेनों में भविष्य में अतिरिक्त कोच की संख्या भी बढ़ाई जा सकती है।