नईदिल्ली
आयुष्मान भारत के तहत बीमा कवर को दोगुना करके 10 लाख रुपये और महिलाओं के लिए 15 लाख रुपये तक करने की तैयारी चल रही है। इस योजना के तहत प्राइवेट अस्पताल के 4 लाख बिस्तरों को जोड़ने के साथ-साथ लाभार्थियों की संख्या 55 करोड़ से बढ़ाकर 100 करोड़ करने की तैयारी केंद्र सरकार के द्वारा की जा रही है। एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रमुख प्राथमिकताओं के रूप में इस योजना पेश किया गया है।
सचिवों के समूह (GoS) ने इस योजना पर रिपोर्ट पेश कर दिया है। अगले पांच वर्षों के लिए लक्ष्य और उनकी उपलब्धि के लिए समयसीमा निर्धारित करने का काम सौंपा गया है। सामाजिक क्षेत्र के लिए बनी GoS में स्वास्थ्य, आयुष, खेल, संस्कृति और शिक्षा सहित नौ मंत्रालय शामिल हैं। जल्द ही कैबिनेट सचिव के समक्ष एक प्रेजेंटेशन देने की संभावना है।
आयुष्मान भारत योजना नरेंद्र मोदी सरकार की प्रमुख स्वास्थ्य योजना है। इसे दुनिया की सबसे बड़ी योजना बताया जाता है। वर्तमान में यह 12.34 करोड़ परिवारों को कवर करते हैं। 55 करोड़ लाभार्थियों को इसका लाभ मिल रहा है। प्रति परिवार 5 लाख रुपये का वार्षिक कवरेज प्रदान करता है। 30 जून तक इस योजना के तहत 7.37 करोड़ लोगों ने अस्पताल में इस योजना का लाभ उठाया। अब तक 1 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।
भाजपा इस योजना को एनडीए सरकार की सफलता की कहानियों में से एक मानती है और इस साल लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी के घोषणापत्र में भी 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिकों को इसका कवरेज बढ़ाने का वादा किया गया है। सचिवों के विभिन्न समूहों को भाजपा के ‘संकल्प पत्र’ से लक्ष्यों को मैप करने और इसके लिए चुनाव समयसीमा की कल्पना करने का काम सौंपा गया था।
नई रिपोर्ट के मुताबिक, वार्षिक बीमा कवर की राशि को बढ़ाकर 10 लाख रुपये प्रति परिवार किया जा सकता है। वहीं, महिलाओं के मामले में विशिष्ट बीमारियों और विशिष्ट परिस्थितियों के लिए इस कवर को 15 लाख रुपये तक बढ़ाया जा सकता है। आपको बता दें कि कुल आयुष्मान कार्डों में से लगभग 49% महिलाएं हैं। वहीं, अस्पताल में भर्ती होने वालों में लगभग 48% महिलाएं हैं।
इसके अलावा, लाभार्थियों की संख्या बढ़ाकर 100 करोड़ करने और प्राइवेट अस्पताल के बेडों की संख्या में 4 लाख की वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है। वर्तमान में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत लगभग 7.22 लाख बिस्तर हैं।
मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल की अध्यक्षता में गठित समिति की सिफारिशों पर विचार करने के बाद ही उपरोक्त प्रस्तावों को औपचारिक रूप दिया जाएगा और वित्त मंत्रालय तथा मंत्रिमंडल के समक्ष मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।