वॉशिंगटन
एक महिला के गर्भ में पल रहे भ्रूण का लिंग क्या होगा यानी वह लड़का होगा या लड़की होगी, ये उसके माता-पिता के क्रोमोसोम (गुणसत्र) पर निर्भर करता है। दरअसल महिलाओं के शरीर में दो X (एक्स) क्रोमोसोम और पुरुष शरीर में एक X और एक Y (वाय) क्रोमोसोम होता है। महिला और पुरुष के XX क्रोमोसोम मिलते हैं तो भ्रूण लड़की बनता है और जब XY क्रोमोसोम मिलते हैं, तब लड़का पैदा होता है। यानी लड़का पैदा होने के लिए Y क्रोमोसोम का होना जरूरी है। अगर पुरुषों का Y क्रोमोसोम खत्म हो जाए, तो फिर लड़के पैदा ही नहीं होंगे सिर्फ लड़कियां पैदा होंगी और फिर इंसान ही नहीं बचेंगे। एक नई रिसर्च में कुछ ऐसा ही खतरा जताया गया है, जो कहती है कि Y क्रोमोसोम कम होते जा रहे हैं।
साइंस अलर्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, रिसर्च कहती है कि इंसान का Y गुणसूत्र घट रहा है और भविष्य पूरी तरह गायब हो सकता है। हालांकि इसके खत्म होने में लाखों वर्ष लगेंगे। अगर इंसान Y के विकल्प के तौर पर एक नया जीन विकसित नहीं कर पाता है और Y क्रोमोसोम का पतन जारी रहता है तो धरती से जीवन ही खत्म हो सकता है। एक नए जीन के विकसित होने की उम्मीद प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस में 2022 में पब्लिश एक रिसर्च पेपर से जगी है। इसमें बताया गया है कि कैसे कांटेदार चूहे ने एक नया पुरुष-निर्धारण जीन विकसित किया है। ये एक वैकल्पिक संभावना का इशारा करती है, जो कहती है कि मनुष्य एक नया लिंग निर्धारण जीन विकसित कर सकता है। हालांकि ये बहुत सीधा नहीं है और इसके विकास में कई जोखिम भी साथ आएंगे। यानी इसे अभी विकल्प मान लेना जल्दीबाजी होगी।
Y क्रोमोसोम मानव लिंग का निर्धारण कैसे करता है?
महिला और पुरुषों में एक एक्स और एक वाई क्रोमोसोम होता है। एक्स में लगभग 900 जीन होते हैं, वहीं वाय में कुछ करीब 55 जीन और बहुत सारे गैर-कोडिंग डीएनए होते हैं। वाय क्रोमोसोम एक पंच पैक करता है क्योंकि इसमें एक महत्वपूर्ण जीन होता है जो भ्रूण में पुरुष विकास को शुरू करता है। गर्भधारण के 12 सप्ताह बाद यह मास्टर जीन दूसरे जीनों पर स्विच करता है। ये भ्रूण का पुरुष हार्मोन बनाता है जो यह सुनिश्चित करता है कि बच्चे का विकास एक लड़के के रूप में हो।
रिसर्च कहती है कि दोनों क्रोमोसोम में असमानता बढ़ रही है। बीते 166 मिलियन वर्षों में वाय क्रोमोसोम ने 900-55 सक्रिय जीन खो दिए हैं। यह प्रति दस लाख वर्ष में पांच जीनों का नुकसान है। इस दर से आखिरी 55 जीन 11 मिलियन वर्षों में खत्म हो जायेंगे। वाय क्रोमोसोम के कम होने ने वैज्ञानिकों को चिंता में डाल दिया है।
Y क्रोमोसोम के बिना भी हो सकता है जीवन!
वाय क्रोमोसम घटने की चिंता के बीच वैज्ञानिकों को चूहे के दो ऐसे वंशों ने राहत दी है, जो वाय क्रोमोसम खोने के बाद भी जीवित हैं। पूर्वी यूरोप और जापान के कांटेदार चूहों में ऐसी प्रजाति हैं, जिनके गुणसूत्र और एसआरवाई पूरी तरह से गायब हो गए हैं। ऐसी नस्लों में एक्स गुणसूत्र दोनों लिंगों के लिए काम करता है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि इनमें जीन के बिना लिंग का निर्धारण कैसे करते हैं।
रिसर्च में कुरोइवा की टीम का कहना है कि इंसान के वाय क्रोमोसोम गुणसूत्र के गायब होने से हमारे भविष्य के बारे में अटकलें लगने लगी हैं। ऐसा भी मुमकिन है कि आज से 11 मिलियन वर्ष बाद पृथ्वी पर कोई मनुष्य नहीं होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि प्रजनन के लिए शुक्राणु की आवश्यकता होती है। यानी इसके लिए पुरुषों का होना जरूरी है। साफ है कि वाय गुणसूत्र का अंत मानव जाति के विलुप्त होने की शुरुआत कर सकता है।