इंदौर
कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा अमेरिका के वर्जीनिया में दिए गए बयान पर मध्य प्रदेश का सिख समुदाय आक्रोशित है। समाज ने इस बयान पर राहुल से माफी मांगने की मांग की है। समाजजन का कहना है कि भारत जैसे देश में जहां प्रत्येक व्यक्ति को धार्मिक स्वतंत्रता है, वहां राहुल गांधी के बयान का कोई मतलब नहीं। इस बयान को सिर्फ देश की छवि धूमिल करने का प्रयास माना जा सकता है, इससे ज्यादा कुछ नहीं। आश्चर्य की बात है कि राहुल गांधी भारत में जन्मे हैं, बावजूद इसके उन्हें अपने देश के कानून के बारे में नहीं पता।
राहुल गांधी ने वर्जीनिया में कहा कि भारत में लड़ाई इस बात को लेकर है कि क्या सिखों को भारत में पगड़ी पहनने की अनुमति दी जाएगी? क्या सिखों को भारत में कड़ा पहनने की अनुमति दी जाएगी या वे गुरुद्वारा जा सकेंगे? जबकि वे खुद जानते हैं कि जितनी धार्मिक स्वतंत्रता भारत में है, विश्व के किसी अन्य देश में नहीं है। गुरुसिंघ सभा इंदौर के मंजीत सिंह भाटिया ने कहा कि राहुल का बयान गलत है।
यह देश की छवि खराब करने वाला है। समाजसेवी जसबीर सिंह गांधी ने कहा कि क्या राहुल को भारत की स्थित के बारे में जानकारी नहीं है। वह मूर्खों जैसी बात कर रहे हैं। आज तक सिखों की पगड़ी को किसी ने हाथ तक नहीं लगाया। राहुल का बयान अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है। मप्र अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व सदस्य त्रिलोचन सिंह वासू ने राहुल के बयान को देश की छवि बिगाड़ने का प्रयास बताया है। कहा कि हमारे देश में प्रत्येक व्यक्ति को अपने धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता है। राहुल को अपने बयान पर पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए।