नई दिल्ली
मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) के अध्यक्ष मारी गौड़ा ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। अपने इस्तीफे के पीछे उन्होंने अपने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है। उल्लेखनीय है कि उनका इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उनकी पत्नी बीएन पार्वती और उनके परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ चल रहे भूमि घोटाले की जांच राज्य और केंद्रीय एजेंसियों द्वारा की जा रही है। बताया जा रहा है मारी गौड़ा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के करीबी रहे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, मारी गौड़ा लंबे समय से मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के सहयोगी रहे हैं। गौड़ा 1983 से सिद्धारमैया के साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने 1995 में मैसूरु तालुक पंचायत के अध्यक्ष के रूप में अपनी सेवाएं दीं और 2000 में जिला पंचायत के उपाध्यक्ष बने। 2008 में उन्हें प्रमोशन देकर शीर्ष पद पर नियुक्त किया गया था। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अभी तक उनके इस्तीफे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर लोकायुक्त और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच की जा रही है। सिद्धारमैया और उनकी पत्नी बीएन पार्वती पर मैसूरु के विजयनगर क्षेत्र में 14 प्लॉट आवंटित किए गए प्लॉट को लेकर सवाल उठे थे। हाल ही में सिद्धारमैया की पत्नी ने प्लॉट लौटाने की पेशकश की थी। जिसे वापस लेने पर प्राधिकरण ने सहमति जताई, लेकिन यह स्पष्ट किया कि इससे जांच पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
बीएन पार्वती ने पहले MUDA को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह पहले से ही इन प्लॉटों को छोड़ने की योजना बना रही थीं लेकिन उन्हें यह कहते हुए सलाह दी गई कि उनके पति के खिलाफ लगाए गए आरोप राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं। इसके बाद, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि उनकी पत्नी राजनीति की घृणा की राजनीति का शिकार हो रही हैं और उन्हें मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने अपनी पत्नी के फैसले का सम्मान किया।