नई दिल्ली
दिल्ली सरकार का दावा है कि पिछले सालों की अपेक्षा इस बार प्रदूषण में कमी है और एक्यूआई गंभीर स्थिति से बाहर है। दिल्ली सरकार पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के मुताबिक विंटर एक्शन प्लान को सही समय पर लागू करने से इस बार गंभीर स्थिति नहीं बनी है। गोपाल राय ने बताया है कि दिल्ली के अंदर और ख़ास तौर से उत्तर भारत में पिछले सालों के प्रदूषण के स्तर को देखा जाये तो 1 नवम्बर से 15 नवंबर तक दिल्ली का एक्यूआई 400 के पार जाता रहा है। लेकिन इस साल अभी तक दिल्ली का एक्यूआई गंभीर कैटेगरी में नहीं गया है।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इसके पीछे तीन मुख्य कारण बताए हैं जिसके चलते दिल्ली का एक्यूआई अभी भी गंभीर श्रेणी से बाहर है। गोपाल राय के मुताबिक, पहला दिल्ली के अंदर विंटर एक्शन प्लान के लिए जो काम किए जा रहे है, जिनमें चाहे डस्ट पोल्युशन कम करने के लिए हो, व्हीकल पॉल्यूशन को कम करने के लिए और आग जलने की घटना हो या जगह जगह पानी का किया जा रहा छिड़काव हो, इन सब से भी प्रदूषण में कमी आई है।
गोपाल राय ने बताया है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल पराली जलाने की घटनाओं में काफी कमी आई है। जिसके कारण प्रदूषण में कमी देखने को मिल रही है। पहले विंटर पर दीपावली का धुआं आता था और हवा की गति कम होती थी। जिससे दिल्ली में एक्यूआई गंभीर श्रेणी में बन जाता था।
गोपाल राय ने तीसरे मुख्य कारण में बताया कि इस बार अभी तक पूरी तरीके से ठंड नहीं आई है। गर्मी बनी हुई है और बीच-बीच में हल्की हवा भी चल रही है। जिसके चलते प्रदूषण में काफी कमी महसूस हो रही है। पहले एक नवंबर के आसपास से ठंड का मौसम शुरू हो जाता था। उसमें स्मॉग का असर दिखाई देता था, उसके बाद दीपावली के पटाखे का असर और अन्य राज्यों में जल रही पराली का भी असर देखने को मिलता था। इन सबके असर से एक लेयर बन जाती थी। जिससे दिल्ली में प्रदूषण स्तर खतरनाक लेवल तक पहुंच जाता था।
गोपाल राय ने बताया कि इस बार दिल्ली के अंदर एंटी डस्ट अभियान के तहत पूरी दिल्ली में कंस्ट्रक्शन साइड की निगरानी की गई है। सड़कों पर जो धूल उड़ रही है उसके लिए 200 से ज्यादा एंटी स्मोक गन लगाई गई हैं। इसके साथ एंटी ओपन बर्निंग कैंपेन शुरू किया गया है। जिसमें आरडब्ल्यूए के लोगों को हिदायत दी गई है कि जहां पर नाइट ड्यूटी के दौरान कोई खुले में आग जलाता दिखे उसे बंद करवाई और वहां पर हीटर प्रोवाइड करवाएं।