ट्रिपल मर्डर: ना चीख निकलने दी ना खून, टहल भी आया; दिल्ली में मां-बाप, बहन का गला काटने वाला कितना चालाक!

नई दिल्ली
दिल्ली के नेब सराय में ट्रिपल मर्डर की खबर ने पूरी दिल्ली को दहला दिया तो वारदात के खुलासों ने हैरान कर दिया है। एक बेटे ने ही अपने मां-बाप और बड़ी बहन को बेहरमी से मौत के घाट उतार दिया। उसने बेहद क्रूरता से पहले तीनों का खून किया और फिर शातिराना तरीके से कहानी रच दी। हालांकि, पुलिस के सवालों में फंसकर उसने कुछ ही घंटों में अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसने हत्या की वजह, तरीके और बचने के लिए किए उपायों के बारे में एक-एक राज उगल दिया। बुधवार सुबह अचानक नेब सराय के देवली गांव में एक साथ तीन लोगों की चाकू से गोदकर हत्या कर देने की खबर आई तो दिल्लीवाले खौफजदा हो गए। मॉर्निग वॉक से लौटे 20 साल के अर्जुन ने शोर मचाते हुए पड़ोसियों को बुलाया कि उसकी गैरमौजूदगी में किसी ने उसके मां-बाप और बहन की हत्या कर दी। फिर उसने पुलिस खुद पुलिस को फोन करके वारदात की जानकारी दी। ना सिर्फ नेब सराय बल्कि पूरी दिल्ली के लोग चिंतित हो उठे। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस घटना को लेकर पहले सोशल मीडिया और फिर विधानसभा में चिंता जाहिर की और कानून-व्यवस्था को लेकर केंद्र सरकार को घेरा।

बिगड़ैल बेटे ने खत्म कर दिया रिटायर्ड फौजी का परिवार
मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले 51 वर्षीय राजेश सेना से रिटायर्ड थे। एनएसजी कमांडो रह चुके राजेश अभी दिल्ली में एक उद्योगपति के पीएसओ के रूप में काम कर रहे थे। वह अपनी पत्नी कोमल (46) और बेटी कविता (23) और बेटे अर्जुन (20) के साथ देवली गांव में रह रहे थे। बिगरैल बेटे अर्जुन ने पिता और बहन से बदला लेने के लिए पूरे परिवार को खत्म कर दिया।

पिता से नफरत और बहन से जलन में हत्या
अर्जुन बॉक्सिंग का खिलाड़ी था। उसका पढ़ाई पर कम और खेल पर अधिक ध्यान देता था, जिसको लेकर पिता टोकते थे। अर्जुन इस बात को लेकर पिता से नाराज रहता था। हाल ही में उसका गुस्सा उस समय सातवें आसमान पर पहुंच गया जब पिता ने सबके सामने उसकी पिटाई कर दी। इसके अलावा उसे यह भी लगता था कि मां-बाप उसकी बहन कविता को अधिक प्यार करते हैं। उसके मन में यह बात घर कर गई थी कि पिता सारी संपत्ति बहन के नाम कर देंगे। पिता से नफरत और बहन से जलन की आग में उसने तीनों को खत्म करने की प्लानिंग कर ली थी।

पहले से कर ली थी पूरी प्लानिंग
अर्जुन ने अचानक इस वारदात को अंजाम नहीं दिया बल्कि कई दिनों से इसकी प्लानिंग में जुटा था। उसने सेना से रिटायर्ड पिता के पास मौजूद एक धारदार चाकू को छिपाकर अपने पास रख लिया था। इसके अलावा उसने वारदात के लिए 4 दिसंबर की तारीख तय कर रखी थी। इस दिन उसके मां-बाप की शादी की सालगिरह थी। उसने इस खास मौके पर ही उन्हें मौत के घाट उतराने की प्लानिंग की थी और फिर उसे अंजाम भी दिया।

हत्या करके चला गया घूमने
बुधवार सुबह अर्जुन ने प्लानिंग के मुताबिक एक-एक करके तीनों को मौत के घाट उतार दिया। पहले उसने ग्राउंड फ्लोर पर सो रही अपनी बहन का गला रेत दिया। फिर वह ऊपर की मंजिल पर गया जहां पिता सो रहे थे। उसने पहले पिता का गला रेत दिया और फिर उनके सिर में भी चाकू से कई बार वार किया। इस दौरान उसकी मां बाथरूम में थी। जैसे ही वह बाहर निकलीं अर्जुन ने उनके गले पर भी चाकू से वार कर दिया। तीनों हत्याओं को अंजाम देकर वह टहलने के लिए निकल गया। वह करीब एक घंटे तक मॉर्निंग वॉक करता रहा और फिर वहां से लौटकर वारदात को अलग रंग देने में जुट गया।

चीख ना निकले इसलिए गले पर वार
जिस मकान में इस वारदात को अंजाम दिया गया वह एक सघन बस्ती में हैं। आसपास दूसरे घर भी हैं। अर्जुन इस तरह से तीनों का कत्ल करना चाहता था कि वे चीख ना सकें। उसे डर था कि चीख सुनकर पड़ोसी वहां आ सकते हैं। एक अनुभवी हत्यारे की तरह अर्जुन ने चीख रोकने के लिए तीनों का गला रेत दिया। खून की धार रोकने के लिए दूसरे हाथ में कपड़ा रखा था। गर्दन पर चाकू चलाते ही वह कपड़े से दबा देता था।

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