हिन्दू धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी का पर्व हर महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को बड़े ही उत्साह से मनाया जाता है. माता दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए इस दिन कुछ महिलाएं उपवास भी रखती हैं और विधि-वाधिन से देवी दुर्गा की पूजा करती हैं. मान्यता है कि इस दिन देवी दुर्गा की पूजा करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है. इस दिन देवी दुर्गा की पूजा करने से लोगों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है. देवी दुर्गा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक हैं. इसलिए इस दिन उनकी पूजा करने से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है और भक्तों को शक्ति और साहस मिलता है.
पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 08 दिसंबर दिन रविवार को सुबह 09 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी और 09 दिसंबर दिन सोमवार को सुबह 08 बजकर 02 मिनट पर समाप्त होगी. मासिक दुर्गाष्टमी पर निशाकाल में जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा की जाती है. इसलिए 08 दिसंबर को मासिक दुर्गा अष्टमी का पर्व मनाया जाएगा.
मासिक दुर्गाष्टमी के दिन व्रत रखना बहुत शुभ माना जाता है. इस व्रत में उपवास के दौरान क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए. इस बात का विशेष ध्यान रखना होता है, क्योंकि छोटी सी गलती के कारण आपका व्रत टूट सकता है और आपकी मनोकामना अधूरी रह जाएगी.
व्रत के दौरान क्या खाएं
व्रत के दौरान आप दिन भर में विभिन्न प्रकार के फल खा सकते हैं. जैसे- सेब, संतरा, अंगूर, केला आदि.
आप उबली हुई या भाप में पकी हुई सब्जियां खा सकते हैं. जैसे- गाजर, शिमला मिर्च, बैंगन आदि.
आप दूध और दही का सेवन भी कर सकते हैं.
उपवास में बादाम, काजू, किशमिश आदि सूखे मेवे भी खाए जा सकते हैं.
आप कुट्टू के आटे से बना हुआ खिचड़ी या पूड़ी खा सकते हैं.
आप सेंवई का हलवा या खीर बनाकर खा सकते हैं.
व्रत के दौरान क्या नहीं खाएं
व्रत के समय भूल से भी चावल, गेहूं आदि अनाज का सेवन नहीं करना चाहिए.
दालें भी नहीं खानी चाहिए और मांस, मछली और अंडे का सेवन वर्जित है.
प्याज और लहसुन का सेवन भी नहीं करना चाहिए.
तेल और घी में बने हुए भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए.
नमक का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि नमक खाने से व्रत टूट जाता है.
कैसे पूरा करें उपवास
अगर महिलाएं मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत पूरा करना चाहती हैं तो सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें. इसके बाद माता दुर्गा की पूजा करें और उन्हें फल, फूल और मिठाई चढ़ाएं और दिन भर उपवास रखें और केवल निर्धारित चीजें ही खाएं. इसके अलावा शाम के समय माता दुर्गा की आरती करें और फिर प्रसाद ग्रहण करें. व्रत के दौरान मन को शांत रखें और धार्मिक ग्रंथों का पाठ करें. किसी की बुराई न करें और हमेशा सकारात्मक सोच रखें. व्रत के दौरान किसी गरीब या जरूरतमंद को भोजन दान अवश्य करें. इससे माता दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-शांति आती है.