संजय राउत ने कहा- राम मंदिर देश के इतिहास में एक आंदोलन था, आरएसएस, शिवसेना, विहिप और कांग्रेस ने भी योगदान दिया

नई दिल्ली
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शिवसेना सांसद संजय राउत ने शनिवार को कहा कि राम मंदिर देश के इतिहास में एक आंदोलन था और न केवल भाजपा और पीएम मोदी ने इसमें योगदान दिया, बल्कि आरएसएस, शिवसेना, विहिप और यहां तक ​​कि कांग्रेस सहित सभी ने इस आंदोलन में योगदान दिया। राउत ने भागवत पर निशाना साधा और कहा कि वह ही हैं जिन्होंने ऐसे लोगों को सत्ता में लाया और अब उन्हें जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

एएनआई से बात करते हुए राउत ने कहा, "राम मंदिर इस देश के इतिहास में एक आंदोलन था। मेरा मानना ​​है कि सभी ने उस आंदोलन में योगदान दिया। न केवल भाजपा और पीएम मोदी ने इसमें योगदान दिया, बल्कि आरएसएस, भाजपा, शिवसेना, वीएचपी, बजरंग दल और कांग्रेस ने भी आंदोलन में योगदान दिया… यह सही है कि कोई भी सिर्फ मंदिर बनाकर नेता नहीं बन सकता। यह देश एक मंदिर है, आपको इसे बनाना चाहिए… मोहन भागवत, आप ही ऐसे लोगों को सत्ता में लाए हैं। इसलिए अब आप जिम्मेदारी लें।"

क्या बोले मोहन भागवत?
शुक्रवार को मोहन भागवत ने देश में एकता और सद्भाव का आग्रह करते हुए इस बात पर जोर दिया कि दुश्मनी पैदा करने के लिए विभाजनकारी मुद्दे नहीं उठाए जाने चाहिए। साथ ही उन्होंने हिंदू भक्ति के प्रतीक के रूप में अयोध्या में राम मंदिर के महत्व पर भी प्रकाश डाला। पुणे में गुरुवार को हिंदू सेवा महोत्सव के उद्घाटन के अवसर पर बोलते हुए भागवत ने कहा, "अब भक्ति के सवाल पर आते हैं। वहां राम मंदिर होना चाहिए और वास्तव में ऐसा हुआ भी। यह हिंदुओं की भक्ति का स्थल है।" हालांकि, उन्होंने विभाजन पैदा करने के खिलाफ चेतावनी दी।

आरएसएस प्रमुख ने कहा, "लेकिन हर दिन तिरस्कार और दुश्मनी के लिए नए मुद्दे नहीं उठाए जाने चाहिए। इसका समाधान क्या है? हमें दुनिया को दिखाना चाहिए कि हम सद्भाव से रह सकते हैं, इसलिए हमें अपने देश में थोड़ा प्रयोग करना चाहिए।" भारत की विविधतापूर्ण संस्कृति पर प्रकाश डालते हुए भागवत ने कहा, "हमारे देश में विभिन्न संप्रदायों और समुदायों की विचारधाराएँ हैं।"

भागवत ने हिंदू धर्म को एक शाश्वत धर्म बताया
भागवत ने हिंदू धर्म को एक शाश्वत धर्म बताते हुए कहा कि इस शाश्वत और सनातन धर्म के आचार्य "सेवा धर्म" या मानवता के धर्म का पालन करते हैं। श्रोताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने सेवा को सनातन धर्म का सार बताया, जो धार्मिक और सामाजिक सीमाओं से परे है। उन्होंने लोगों से सेवा को पहचान के लिए नहीं बल्कि समाज को कुछ देने की शुद्ध इच्छा के लिए अपनाने का आग्रह किया।

admin

Related Posts

केंद्रीय मंत्री शाह आलोचना करना रालोद के नेताओं को पड़ा भारी! जयंत चौधरी ने पद से हटाया

नईदिल्ली केंद्र में सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी NDA में साझेदार राष्ट्रीय लोकदल के नेता और केंद्रीय मंत्री ने अपने पार्टी के नेताओं पर सख्त एक्शन लिया है. पार्टी ने…

मध्य प्रदेश में बीजेपी ने 18 मंडल अध्यक्ष के चुनाव निरस्त किये, मंडल अध्यक्ष बनने के लिए नेताओं ने अपनी उम्र छुपाई

भोपाल मध्य प्रदेश में बीजेपी के संगठन चुनाव हो रहे हैं, जहां संगठन में नए पदाधिकारियों की नियुक्तियां चल रही हैं. संगठनात्मक रूप से मध्य प्रदेश में बीजेपी के 60…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

धर्म

सोमवती अमावस्या 30 या 31 दिसंबर, कब है ? जानें स्नान-दान का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

सोमवती अमावस्या 30 या 31 दिसंबर, कब है ? जानें स्नान-दान का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

महाकुंभ से मिलने वाली इन तीन चीजों के बगैर जीवन हमेशा अधूरा, जानिए क्यों जरूरी है आपके लिए महाकुंभ

महाकुंभ से मिलने वाली इन तीन चीजों के बगैर जीवन हमेशा अधूरा, जानिए क्यों जरूरी है आपके लिए महाकुंभ

सफला एकादशी का व्रत रखने से जीवन में आती है सफलता, शांति और समृद्धि

सफला एकादशी का व्रत रखने से जीवन में  आती है सफलता, शांति और समृद्धि

23 दिसंबर से 3 राशियों को होगा लाभ ही लाभ

23 दिसंबर से 3 राशियों को होगा लाभ ही लाभ

22 दिसंबर से 3 राशियों को होगा लाभ ही लाभ

22 दिसंबर से 3 राशियों को होगा लाभ ही लाभ

सोमवती अमावस्या पर दीपक जलाने से मिलेगी मां लक्ष्मी की कृपा

सोमवती अमावस्या पर दीपक जलाने से मिलेगी मां लक्ष्मी की कृपा